Lok Sabha Election 2024: मोदी सरकार में एक इंच जमीन पर कब्जा नहीं कर सकता चीन, असम में गरजे अमित शाह
Lok Sabha Election 2024: असम के लखीमपुर से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि असम के लोग कभी नहीं भूलेंगे कि कैसे जवाहरलाल नेहरू ने चीनी आक्रमण के दौरान असम को बाय-बाय कहा था. उन्होंने कहा कि असम और अरुणाचल प्रदेश 1962 को कभी नहीं भूल सकते.
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव की बेला में सियासी दल हर राज्यों में चुनावी सभा कर ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपनी ओर रिझाने में लगे हैं. इसी कड़ी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह असम दौरे पर हैं. उन्होंने प्रदेश के लखीमपुर में एक रैली की. अपने भाषण में शाह ने जमकर कांग्रेस पर हमला किया. अमित शाह ने कहा कि असम की जनता कभी नहीं भूल सकती कि पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 1962 में चीन के हमले के दौरान असम और अरुणाचल प्रदेश को बाय-बाय कह दिया था. साथ ही उन्होंने मोदी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार में चीन एक इंच जमीन पर भी कब्जा नहीं कर सकता है.
मोदी सरकार ने घुसपैठ पर लगाई रोक
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने असम के लखीमपुर में कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने बांग्लादेश से लगती सीमा को सुरक्षित किया और घुसपैठ पर रोक लगाई. उन्होंने दावा किया कि पीएम मोदी के शासनकाल में चीन की हिम्मत नहीं है कि वो एक इंच जमीन पर भू कब्जा कर सके. अमित शाम ने अपने भाषण में कांग्रेस पर जमकर हमला किया.
19 अप्रैल को करना होगा फैसला
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रैली में लोगों से कहा कि आपको लोकसभा चुनाव यानी 19 अप्रैल को फैसला करना होगा कि आपका सांसद कौन होगा. उन्होंने मंच से कहा कि यह फैसला करना होगा कि कौन सी पार्टी सरकार बनाएगी और अगला प्रधानमंत्री कौन होगा. अमित शाह ने कहा आपके पास दो विकल्प है इंडी गठबंधन या पीएम नरेंद्र मोदी. उन्होंने कहा कि यह फैसला आपको करना है.
असम बनेगा विकसित राज्य- अमित शाह
असम के लखीमपुर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हुंकार भरते हुए कहा कि मैं आज आपको बताना चाहता हूं कि आने वाले दिनों में असम देश के अन्य राज्यों की तरह एक विकसित राज्य बन जाएगा. उन्होंने कहा कि वर्षों से कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश का साथ छोड़ दिया है. कांग्रेस पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि राम मंदिर का मुद्दा सालों लटका रहा. पीएम मोदी के समय में ही फैसला आया, भूमि पूजन हुआ और आखिरकार 22 जनवरी को प्राणप्रतिष्ठा हुई.