Lok Sabha Election 2024 : असम की जेल में बंद ‘वारिस पंजाब दे’ प्रमुख अमृतपाल सिंह लड़ेगा लोकसभा चुनाव

Lok Sabha Election 2024 : कट्टरपंथी सिख उपदेशक अमृतपाल सिंह अपने नौ सहयोगियों के साथ अभी असम के डिब्रूगढ़ जेल में बंद है. इस बीच खबर है कि वह लोकसभा चुनाव लड़ सकता है. जानें वकील की ओर से क्या किया गया दावा

By Amitabh Kumar | April 25, 2024 9:50 AM
an image

Lok Sabha Election 2024 : पूरे देश में लोकतंत्र के पर्व की धूम हैं. जी हां…लोकसभा चुनाव के मतदान को लेकर कहीं तैयारी चल रही है तो कहीं वोटिंग हो चुकी है. मतदान सात चरण में इस बार करवाए जा रहे हैं. पहले चरण के लिए वोटिंग 19 अप्रैल को हो चुकी है जबकि दूसरे चरण के तहत 26 अप्रैल को मतदान होंगे. इस बीच राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत असम की जेल में बंद कट्टरपंथी सिख उपदेशक अमृतपाल सिंह को लेकर एक खबर आ रही है जो चर्चा का केंद्र बन चुकी है.

अमृतपाल सिंह के वकील की ओर से दावा किया जा रहा है कि सिख उपदेशक पंजाब की खडूर साहिब सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लोकसभा चुनाव लड़ेगा. वहीं अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह ने कहा कि गुरुवार को अपने बेटे से मिलने के बाद ही इस मामले में कुछ कह सकेंगे, हालांकि उन्होंने जोर देकर कहा कि अमृतपाल सिंह ने शुरूआत में राजनीति में आने को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई थी.

कहां से चुनाव लड़ सकता है अमृतपाल सिंह

जेल में बंद कट्टरपंथी सिख उपदेशक अमृतपाल सिंह के वकील राजदेव सिंह खालसा की ओर से दावा किया गया कि उन्होंने बुधवार को डिब्रूगढ़ जेल में उपदेशक से मुलाकात की. यही नहीं उन्होंने उनसे चुनाव लड़ने का अनुरोध किया है. खालसा ने कहा कि मैंने डिब्रूगढ़ केंद्रीय जेल मे भाई साहब यानी अमृतपाल सिंह से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान मैंने उनसे अनुरोध किया कि ‘खालसा पंथ’ के हित के लिए उन्हें आगे आना चाहिए. उन्हें इस बार संसद सदस्य बनने के लिए खडूर साहिब से चुनाव लड़ना चाहिए.

Read Also: Amritpal Singh: ‘वारिस पंजाब दे’ के मुखिया अमृतपाल सिंह की मां गिरफ्तार, जेल भेजा गया

असम के डिब्रूगढ़ जेल में बंद है अमृतपाल सिंह

अमृतपाल सिंह के वकील खालसा ने दावा किया कि भाई साहब ने पंथ के हित में मेरा अनुरोध स्वीकार कर लिया. वह एक र्निदलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतरेंगे. आपको बता दें कि ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह को पिछले साल अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था. उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाया गया था. अमृतपाल अपने नौ सहयोगियों के साथ अभी असम के डिब्रूगढ़ जेल में बंद है.

Exit mobile version