Lok Sabha Election 2024: ओडिशा में नहीं बनी बात, महाराष्ट्र और बिहार में सीट शेयरिंग पर बढ़ी बीजेपी की टेंशन
Lok Sabha Election 2024: ओडिशा में बीजद से बीजेपी की बात नहीं बन पाई है. इधर, महाराष्ट्र और बिहार में सीट शेयरिंग पर बीजेपी की टेंशन बढ़ चुकी है. जानें पूरी बात
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी अपनी सहयोगी पार्टियों के साथ सीट शेयरिंग पर बातचीत कर रही है. जहां बिहार में लोजपा की नाराजगी सामने आ रही है. वहीं ओडिशा में बीजू जनता दल (बीजद) के साथ भी बात नहीं बनती नजर आ रही है. इस बीच कल देर रात तक महाराष्ट्र को लेकर अमित शाह के आवास पर एक महत्वपूर्ण बैठक हुई जिसमें सीएम एकनाथ शिंदे के साथ देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार पहुंचे थे. आइए जानते हैं तीनों राज्यों में लोकसभा चुनाव को लेकर क्या चल रही है बात…
महाराष्ट्र में क्या चल रहा है जानें
शिवसेना से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से उपमुख्यमंत्री अजीत पवार दिल्ली में हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दोनों पार्टियां उम्मीदवारी के मामले में सिंगल डिजीट पर सिमट सकतीं हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे के बाद बुधवार से ही दोनों दलों के नेताओं के बीच असंतोष नजर आ रहा था. खबर आई थी कि महाराष्ट्र की 48 सीटों में से शिवसेना को केवल नौ और एनसीपी को चुनाव लड़ने के लिए बमुश्किल पांच लोकसभा सीटें मिल सकतीं हैं. हालांकि, सेना और एनसीपी दोनों ने नाराजगी जताई थी. इसके बाद बीती रात अमित शाह के साथ दोनों दलों की बैठक हुई.
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव की सीट को लेकर चाचा-भतीजा के बीच खींचतान जारी
ओडिशा में बीजेपी की नहीं बनी बात
अब बात करें ओडिशा की जहां बीजू जनता दल (बीजद) की सरकार है. बीजद के साथ बीजेपी की बात सीट शेयरिंग को लेकर चल रही थी. इस बीच बीजेपी की ओडिशा इकाई की ओर से कहा गया है कि वह प्रदेश की सभी 147 विधानसभा के साथ-साथ 21 लोकसभा सीट पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि ओडिशा में चुनाव पूर्व गठबंधन को लेकर सत्तारूढ़ बीजद के साथ दिल्ली में हुई उसकी बातचीत बेनतीजा रही. इसका मतलब यह है कि दोनों दल चुनाव में अपने-अपने उम्मीदवार उतारेगी.
बिहार में क्या करेगी बीजेपी ?
बिहार में बीजेपी की परेशानी बढ़ी हुई है. इस बीच अमित शाह आज बिहार दौरे पर हैं. लोकसभा चुनाव 2024 के टिकट बंटवारे को लेकर सभी गठबंधन के दलों के बीच संभावित उम्मीदवारों को लेकर चर्चा चल रही है. एनडीए में सीटों के बंटवारे में सबसे परेशानी का सबब लोजपा के दोनों धड़े साबित हो रहे हैं. आपको बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में छह सीट जीतने वाली लोजपा पार्टी संस्थापक रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद बंट चुकी है. रामविलास के बेटे चिराग और उनके भाई पशुपति पारस अपनी अपनी टीम के साथ बिहार की राजनीति में डंटे हुए हैं.