Lok Sabha Election 2024: आंध्र प्रदेश में 5 साल बाद फिर से BJP-TDP गठबंधन तय, जानें कौन कितनी सीटों पर लड़ेगा चुनाव

Lok Sabha Election 2024: आंध्र पदेश में भारतीय जनता पार्टी, तेलुगु देशम पार्टी और जन सेना के बीच गठबंधन लगभग तय हो गया है. लोकसभा और विधानसभा चुनाव एकसाथ लड़ने पर फैसला किया जा रहा है. हालांकि गठबंधन और सीट शेयरिंग पर अभी घोषणा नहीं हो पाई है. इस बीच टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा के साथ मुलाकात हुई है.

By ArbindKumar Mishra | March 18, 2024 3:38 PM

Lok Sabha Election 2024: टीडीपी सांसद रवींद्र कुमार का दावा बीजेपी के साथ काम करने पर बनी सहमती

तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य कनकमेदला रवींद्र कुमार ने शुक्रवार को दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP), जन सेना और उनकी पार्टी ने सैद्धांतिक रूप से, आगामी चुनावों में साथ मिलकर काम करने का फैसला किया है और इसके तौर-तरीकों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि एन चंद्रबाबू नायडू की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा के साथ मुलाकात में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए गठबंधन के उद्देश्यों को लेकर प्रारंभिक चर्चा हुई है. उन्होंने कहा, सैद्धांतिक रूप से भाजपा, तेदेपा और जन सेना ने साथ काम करने का फैसला किया है. जन सेना के अध्यक्ष और अभिनेता पवन कल्याण भी गुरुवार को शाह के आवास पर डेढ़ घंटे से अधिक समय तक चली चर्चा का हिस्सा थे.

बीजेपी आठ लोकसभा और 20 से अधिक विधानसभा सीट पर लड़ना चाहती है चुनाव

सूत्रों के अनुसार बीजेपी जहां 20 से अधिक विधानसभा और करीब 8 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ना चाहती है, वहीं राज्य में मुख्य विपक्षी दल टीडीपी उसे पांच-छह संसदीय सीट से ज्यादा देने को तैयार नहीं है. टीडीपी यह भी चाहती है कि आंध्र प्रदेश में हाशिए पर चल रही भाजपा विधानसभा की 10 से अधिक सीट पर चुनाव नहीं लड़े. डीटीपी नेताओं का मानना है कि भाजपा की मांग पर सहमति से राज्य की सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी को फायदा मिल सकता है. वाईएसआर कांग्रेस की कमान मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी के पास है. आंध्र प्रदेश में लोकसभा की 25 और विधानसभा की 175 सीट हैं.

2018 में एनडीए से नाता तोड़ लिए थे चंद्रबाबू नायडू

गौरतलब है कि चंद्रबाबू नायडू 2018 में आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देने के विरोध में भाजपा नीत राजग से बाहर हो गए थे जबकि बीजद अध्यक्ष और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक 2009 में गठबंधन से अलग हो गए थे.

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