Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में वाराणसी सीट काफी हॉट सीट मानी जाती है. इसे हिन्दी बेल्ट की जान भी कहा जाता है. इस अनारक्षित सीट से पिछले दो बार से पीएम मोदी सांसद हैं. इस सीट पर आखिरी यानी सातवें चरण में वोटिंग होगी. लेकिन, लोकसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही वाराणसी लोकसभा सीट पर चुनावी रंग चढ़ने लगा है. वाराणसी से पीएम मोदी को इस बार कांग्रेस और बसपा से टक्कर मिलने वाली है. कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पर एक बार फिर दांव खेला है. राय यहां सपा और कांग्रेस के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, बहुजन समाज पार्टी ने सैयद नियाज अली मंजू को पार्टी प्रत्याशी बनाया है. हालांकि पहले बसपा ने अतहर जमाल लारी को उम्मीदवार घोषित किया था. लेकिन बाद में उनका नाम कट कर सैयद नियाज अली पर दांव खेल दिया है.
पीएम मोदी के मुकाबले कितना मजबूत सपा-कांग्रेस उम्मीदवार
18वीं लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और सपा के संयुक्त उम्मीदवार अजय राय बीते दो चुनावों में पीएम मोदी के खिलाफ खड़े हो चुके हैं. दोनों चुनावों में वो तीसरे नंबर पर रहे हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी ने आम आदमी पार्टी के कैंडिडेट अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के उम्मीदवार अजय राय को हरा दिया था. पीएम मोदी ने इन्हें बड़ा अंतर से हराया था. अरविंद केजरीवाल दूसरे नंबर पर रहे थे और अजय राय तीसरे. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी सीट से बीजेपी उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को करीब छह लाख वोट मिले थे. करीब 33 फीसदी लोगों ने पीएम मोदी का समर्थन किया था. वहीं, जितने लोगों ने वोट डाला था इस हिसाब से देखें तो पीएम मोदी का वोट प्रतिशत करीब 56 फीसदी था. जबकि अरविंद केजरीवाल को करीब 20 फीसदी वोट मिले थे. और अजय राय को करीब 7 फीसदी वोट मिले थे.
2019 में भी पीएम मोदी से हार गये थे अजय राय
2019 में पीएम मोदी ने एक बार फिर वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में भी पीएम मोदी ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी. 2019 में पीएम मोदी ने करीब 5 लाख वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी. 2019 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी को करीब सात लाख वोट मिले थे. वहीं, दूसरे नंबर पर सपा-बसपा प्रत्याशी शालिनी यादव रहीं था. कांग्रेस के अजय राय एक बार फिर तीसरे नंबर पर थे. वोट प्रतिशत के हिसाब से देखें तो पीएम नरेंद्र मोदी ने करीब 64 फीसदी लोगों ने वोट दिया था. वहीं, शालिनी यादव को 18 फीसदी के करीब और अजय राय को 14 फीसदी के करीब वोट मिले थे.
18वी लोकसभा में कैसा बना है समीकरण
दो लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी ने वाराणसी से बंपर जीत दर्ज किए हैं. इस बार एक बार फिर चुनावी जंग छिड़ गई है. हालांकि 2019 की अपेक्षा इस बार पार्टियों के समीकरण में बदलाव हुआ है. वाराणसी से पिछली बार सपा-बसपा ने गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा था. इस बार सपा ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया है. ‘इंडिया’ गठबंधन में सीट शेयरिंग का जो फॉर्मूला तय हुआ है उसके मुताबिक वाराणसी से कांग्रेस उम्मीदवार अजय राय पीएम मोदी के खिलाफ खड़े हो रहे हैं.
बसपा ने वाराणसी से बदले उम्मीदवार
हाल ही में बसपा ने लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी छठी लिस्ट जारी की है. बसपा ने छठी लिस्ट में 11 प्रत्याशियों की घोषणा की है. बीएसपी ने वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ पहले से घोषित उम्मीदवार अतहर जमाल लारी को बदल कर सैयद नेयाज अली के नाम की घोषणा की है. गौरतलब है कि 17वीं लोकसभा चुनाव में बसपा ने सपा के साथ गठबंधन किया था, लेकिन इस बार वो अकेले चुनाव लड़ रही है. बहरहाल लोकसभा चुनाव में पहले चरण का मतदान हो गया है. अब बाकी अब बाकी के छह चरणों के लिए राजनीतिक दल पसीना बहा रहे हैं. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा की इस बार वाराणसी की जनता का मिजाज किसके पक्ष में जाता है.