26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Lok Sabha Election 2024: ईवीएम में डाले गए वोट और गिने गए मतों में अंतर, ADR रिपोर्ट में बड़ा दावा

Lok Sabha Election 2024: चुनाव अधिकार निकाय ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एडीआर) ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ा दावा कर दिया है. एडीआर ने दावा किया है कि लोकसभा चुनाव में 538 निर्वाचन क्षेत्रों में डाले गए मतों और गिने गए मतों की संख्या में विसंगति है.

Lok Sabha Election 2024: सोमवार को एडीआर द्वारा जारी विश्लेषण के अनुसार, हाल के लोकसभा चुनाव में 362 संसदीय क्षेत्रों में डाले गए मतों की तुलना में कुल 5,54,598 वोट कम गिने गए जबकि 176 संसदीय क्षेत्रों में डाले गए वोट की तुलना में कुल 35,093 मत अधिक गिने गए. इस मामले पर निर्वाचन आयोग की प्रतिक्रिया का इंतजार है. एडीआर के संस्थापक जगदीप छोकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इसके अलावा, अंतिम मतदान प्रतिशत डेटा जारी करने में अत्यधिक देरी, निर्वाचन क्षेत्रवार, मतदान केंद्र वार अंकड़े उपलब्ध न होने और क्या नतीजे अंतिम मिलान अंकड़ों के आधार पर घोषित किए गए थे, इसकी अस्पष्टता ने चुनाव परिणामों की सत्यता के बारे में चिंता और सार्वजनिक संदेह पैदा कर दिया है. हालांकि, एडीआर ने यह स्पष्ट नहीं किया कि मतों में इस अंतर की वजह से कितनी सीट पर अलग परिणाम सामने आते.

ईवीएम में डाले गए मतों और गिने गए मतों में अंतर

रिपोर्ट में कहा गया है कि निर्वाचन आयोग मतगणना पर अंतिम और प्रामाणिक डेटा जारी करने से पहले चुनाव परिणाम घोषित करने, ईवीएम में डाले गए मतों और गिने गए मतों में अंतर, मत प्रतिशत में वृद्धि, डाले गए मतों के आंकड़े संख्या में न देने, डाले गए मतों के आंकड़े को जारी करने में अनुचित देरी और अपनी वेबसाइट से कुछ डेटा को हटाने का कोई उचित स्पष्टीकरण देने में अब तक विफल रहा है. छोकर ने कहा, लोकसभा चुनाव 2019 और लोकसभा चुनाव 2024 में हुए उल्लंघन, अवैधता और अनियमितताओं की गंभीर घटनाओं का समाधान करने और उनके खिलाफ उचित कदम उठाने में निर्वाचन आयोग विफल रहा है, जिससे मतदाताओं के मन में आशंकाएं पैदा हुई हैं. इन आशंकाओं का गंभीरता से समाधान किया जाना चाहिए और उन्हें दूर किया जाना चाहिए.

538 संसदीय सीट पर कुल 5,89,691 मतों की विसंगति है

रिपोर्ट में कहा गया है कि आम चुनाव 2024 के परिणामों में 538 संसदीय क्षेत्रों में डाले गए और गिने गए मतों में काफी विसंगतियां सामने आईं, अमरेली, अत्तिंगल, लक्षद्वीप और दादरा नगर हवेली एवं दमन दीव को छोड़कर. रिपोर्ट में कहा गया है, सूरत संसदीय सीट पर कोई मुकाबला नहीं था. इसलिए 538 संसदीय सीट पर कुल 5,89,691 मतों की विसंगति है. स्वतंत्र पत्रकार पूनम अग्रवाल ने भी प्रेस वार्ता में कहा कि डाले गए मतों और गिने मतों के आंकड़ों का विश्लेषण करने पर उन्हें भी बिल्कुल यही परिणाम मिला.

17वें आम चुनाव के दौरान ‘वोटर टर्नआउट ऐप’ पर सही संख्या प्रदर्शित की गई थी

17वें आम चुनाव के दौरान, चुनाव के पहले छह चरणों के लिए ‘वोटर टर्नआउट ऐप’ पर मतदाताओं की सही संख्या प्रदर्शित की गई थी. हालांकि, अंतिम चरण यानी सातवें चरण के मतदान में केवल प्रतिशत में आंकड़े दिए गए थे और निर्वाचन आयोग द्वारा पिछले डेटा को हटा दिया गया था. विशेषज्ञों और एडीआर की एक टीम द्वारा किए गए शोध के अनुसार, विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या और गिने गए मतों की संख्या के बीच गंभीर विसंगतियां पाई गईं. वर्ष 2019 के चुनाव के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है, 542 निर्वाचन क्षेत्रों के मास्टर सारांश में 347 सीट पर विसंगतियां दिखाई दीं. 195 सीट में विसंगति नहीं थीं. विसंगतियां एक वोट (सबसे कम) से लेकर सबसे अधिक 101323 वोट (कुल मतों का 10.49 प्रतिशत) तक थी. इसमें कहा गया है, छह सीट ऐसी थीं जहां मतों में विसंगति जीत के अंतर से ज़्यादा थी. कुल मिलाकर विसंगति 739104 मतों की थी.

राहुल गांधी के बयान से वित्त मंत्री ने पकड़ा माथा

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें