24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Lok Sabha Election 2024: हिंदी भाषी मतदाता तय करेंगे मायानगरी मुंबई की चुनावी दिशा

Lok Sabha Election 2024: मुंबई में उत्तर भारतीय मतदाताओं को बीजेपी की बड़ी ताकत माना जाता हैं. 2014 से भाजपा के साथ आयी इस ताकत ने ही तब से अब तक मुंबई और ठाणे में कांग्रेस-राकांपा का खाता नहीं खुलने दिया.

Lok Sabha Election 2024: मुंबई में बड़ी संख्या में हिंदी भाषी आबादी रहती है, जो चुनाव की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाती है. भाजपा हो या कांग्रेस, दोनों ने इन मतदाता को साधने में विशेष जोर लगाया है. पिछले तीन दशक में उदारीकरण के बाद मुंबई, पुणे, नासिक, नागपुर और औरंगाबाद में आयी निजी क्षेत्र की कंपिनयों ने मुंबई के साथ- साथ इन महानगरों में भी प्रवासियों की जनसंख्या तो बढ़ायी ही है, छोटा- मोटा रोजगार करने वालों की आबादी भी अच्छी-खासी बढ़ी है. इनमें से अिधकांश अब यहां का स्थायी वासी बन चुका हैं और यहां की राजनीतिक हवा का रुख तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं.

यही कारण है कि भाजपा हो कांग्रेस या शिवसेना, उन्हें अपने से जोड़े रखना चाहती है. पर मराठियों का हितैषी बनने के चक्कर में मनसे जैसी पार्टियां कई बार निवासियों के साथ दुर्व्यवहार भी कर चुकी है. ऐसे में वे शिवसेना व मनसे जैसे दलों से दूर रहते है. यह सच है कि महाराष्ट्र खासतौर से मुंबई में हिंदी भाषियों को जो प्रतिनिधित्व कांग्रेस ने दिया, वह भाजपा नहीं दे पायी. कांग्रेस द्वारा हिंदी भाषी नेता कृपाशंकर सिंह (अब भाजपा के टिकट पर जौनपुर से प्रत्याशी) को मुंबई क्षेत्रीय कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष रहते पहली बार मुंबई महानगर नौ सीटों पर हिंदी भाषी प्रत्याशियों को जीत हासिल हुई थी, जबकि शिवसेना चौथे स्थान पर जा पहुंची थी.

वहीं उत्तर भारतीय  मतदाताओं को भाजपा की बड़ी ताकत मानती हैं. 2014 से भाजपा के साथ आयी इस ताकत ने ही तब से अब तक मुंबई और ठाणे में कांग्रेस-राकांपा का खाता नहीं खुलने दिया. भाजपा का साथ-साथ मोदी के नाम पर तब की अविभाजित शिवसेना को भी जितवाने में इस वर्ग ने बड़ी भूमिका निभायी है. मराठियों के बराबर हो गयी है गैर मराठियों की आबादी 1960 में मुंबई (तब बंबई) में मराठी भाषियों की आबादी 41.64% थी, वहीं यूपी से मुंबई आये लोगों की आबादी 12.01 प्रतिशत थी.

बीते 64 वर्ष में यहां उत्तर प्रदेश से आनेवाले लोगों की आबादी बढ़कर लगभग 25 प्रतिशत हो गयी है और मराठी भाषी घटकर लगभग 37 प्रतिशत रह गये हैं. यदि अन्य हिंदी भाषी राज्यों, जैसे बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली एवं हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों से मुंबई में आकर बसे हिंदी भाषयों को जोड़ लिया जाये, तो मुंबई में हिंदी भाषियों की आबादी मराठी भाषियों को बराबर या उनसे ज्यादा ही हो सकती है.गुजरात, दक्षिण भारत एवं पूर्वोत्तर के राज्यों को जोड़ लिया जाये, तो निश्चत रूप से इन सभी की आबादी मुंबई की कुल आबादी का 63 􀅌प्रतिशत केआसपास पहुंच सकती है.

Also Read: Lok Sabha Election 2024: ‘अमेठी की जनता ने राहुल गांधी को नकारा’, कांग्रेस पर बरसीं स्मृति ईरानी

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें