Lok Sabha Election 2024: ‘सीटों का सूखा’ केरल में खत्म करने के प्रयास में बीजेपी, कांग्रेस ने लगाया पूरा जोर
Lok Sabha Election 2024: इस बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी केरल में पूरा जोर लगा रही है. पीएम मोदी की रैली और मोदी की गारंटी को लेकर पार्टी जनता के बीच जा रही है. जानें कांग्रेस की तैयारी के बारे में
Lok Sabha Election 2024 : लोकसभा चुनाव के पहले सभी पार्टियां जनता के बीच पहुंच रहीं हैं. दक्षिण भारत में बीजेपी इसबार ज्यादा जोर लगा रही है, खासकर केरल में जहां से कांग्रेस ने वायनाड सीट से राहुल गांधी को चुनावी मैदान पर उतारा है. इस बीच रविवार को कांग्रेस महासचिव और लोकसभा चुनाव के लिए अलाप्पुझा से उम्मीदवार केसी वेणुगोपाल ने रोड शो शुरू किया जिसमें सैकड़ों कार्यकर्ता पहुंचे और उनका फूलों से स्वागत किया. वेणुगोपाल ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि इंडिया को दोबारा हासिल करना हमारा कर्तव्य है. वर्तमान समय में हम ऐसे संकट में हैं जहां लोकतांत्रिक और लोगों के अधिकारों पर हमला किया जा रहा है. मैंने कभी अलप्पुझा नहीं छोड़ा. हम 2024 के लोकसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीट जीतने का प्रयास करेंगे.
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केरल पर बीजेपी की खास नजर
इस बीच आपको बता दें कि बीजेपी इसबार लोकसभा चुनावों में केरल में अपने लिए सीटों के ‘सूखे’ को खत्म करने की कोशिश में है. हिंदू समर्थक माने जाने वाली बीजेपी की छवि की वजह से केरल में उसके सामने बड़ी चुनौती पेश हो रही है. राज्य की आबादी की बात करें तो यहां मुस्लिम और ईसाई वर्ग की तादाद अच्छी-खासी देखने को मिलती है. बहरहाल, बीजेपी वोटर्स लुभाने की कोशिश में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है और वह चाहती है कि पार्टी का प्रदर्शन सूबे में सुधरे. बीजेपी ने एक खास काम किया है. जी हां…प्रमुख ईसाई नेता व कांग्रेस के दिग्गज नेता ए के एंटनी के बेटे अनिल के एंटनी और केरल के अनुभवी नेता पी सी जॉर्ज को अपने पाले में लाने में पार्टी कामयाब रही है.
‘मोदी की गारंटी’ के भरोसे बीजेपी?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी केरल के लोगों को सौगात दे चुके हैं. पीएम मोदी के केरल के लगातार दौरों का फायदा उठाने का प्रयास बीजेपी कर रही है. बीजेपी ने अपनी चुनावी संभावनाओं को मजबूत करने के लिए अभिनेता से नेता बने सुरेश गोपी के साथ ही दो केंद्रीय मंत्रियों राजीव चंद्रशेखर और वी. मुरलीधरन को चुनावी मैदान पर उतारा है. बीजेपी के चुनाव प्रचार का नारा ‘मोदी की गारंटी’, प्रधानमंत्री की लोकप्रियता और नेतृत्व पर उसकी निर्भरता को दर्शाता है. पीएम मोदी एक रैली में राहुल गांधी पर वार करते हुए कह चुके हैं कि शायद लेफ्ट कांग्रेस के राजकुमार को पसंद नहीं करता है. यही वजह है कि कांग्रेस और लेफ्ट ने अलग-अलग उम्मीदवार उतारा है.