Lok Sabha Election: क्या 2024 में भी बीजेपी मारेगी ‘सत्ते पे सत्ता’, 2019 में किया था क्लीन स्वीप

लोकसभा चुनाव 2024 जैसे-जैसै पास आता रहा है सियासी दल मैदान में ताल ठोकने लगे है. हर पार्टी जीत का दावा कर रही है. दिल्ली की सात लोकसभा सीटों के लिए भी बीजेपी, AAP, कांग्रेस समेत अन्य दलों में शह मात का खेल चल रहा है. ऐसे में बड़ा सवाल है कि क्या एक बार फिर बीजेपी सात में सात वाली जीत दर्ज कर पाएगी.

By Pritish Sahay | February 5, 2024 9:35 PM
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लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर पूरी सियासी पार्टियां रेस में हैं. सभी दर चुनावी तैयारी में जुटे हैं. दिल्ली में भी चुनावी समर के लिए राजनीतिक दल जोर आजमाइश में लगे हैं.  पिछले चुनाव में दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी. अब एक बार फिर चुनाव सिर पर है. राजनीतिक दलों ने कमर कस लिया है. पूरे जोर-शोर से सभी पार्टियां जीत की कवायद में जुटी हैं. दरअसल दिल्ली में लोकसभा की सात सीटें हैं. उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट, उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट, चांदनी लोकसभा सीट, पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट, नई दिल्ली लोकसभा सीट, पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट और दक्षिण दिल्ली लोकसभा सीट. इस सातों सीट पर 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल किया था.

दिल्ली की सात लोकसभा सीटों पर कौन हैं सांसद

लोकसभा सीट सांसद
उत्तर पूर्व दिल्ली लोकसभा सीट मनोज तिवारी, बीजेपी

उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट हंसराज हंस, बीजेपी

चांदनी लोकसभा सीट डॉ. हर्षवर्धन, बीजेपी

पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट गौतम गंभीर, बीजेपी

नई दिल्ली लोकसभा सीट मीनाक्षी लेखी, बीजेपी

पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट प्रवेश वर्मा, बीजेपी

दक्षिण दिल्ली लोकसभा सीट रमेश बिधूड़ी, बीजेपी

उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट
लोकसभा चुनाव 2019 में दिल्ली की सात सीटों में से बेहद मानी जाने वाली सीट उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से बीजेपी नेता मनोज तिवारी सांसद हैं. उन्होंने 2019 के चुनाव में प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस प्रत्याशी शीला दीक्षित को साढ़े तीन लाख से अधिक वोटों से हरा दिया था. उत्तर-पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र के तहत सीमापुरी, घोंडा, सीलमपुर, गोकलपुर, रोहतास नगर, बाबरपुर, करावल नगर, बुराड़ी, तिमारपुर और मुस्तफाबाद जैसे विधानसभा क्षेत्र आते हैं.

उत्तर-पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट
लोकसभा चुनाव 2019 में दिल्ली की उत्तर-पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट पर भी बीजेपी ने बाजी मारी थी. इस सीट पर रोमांचक त्रिकोणीय मुकाबले में बीजेपी प्रत्याशी और मशहूर सूफी गायक हंसराज हंस जीत दर्ज की थी. उन्होंने AAP उम्मीदवार गुग्गन सिंह और कांग्रेस के राजेश लिलोठिया को हरा दिया था. उन्होंने पांच लाख से अधिक वोटों से यहां जीत दर्ज की थी. उत्तर-पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट के तहत सुल्तानपुर माजरा, मंगोलपुरी, किराड़ी, समयपुर बादली, नरेला, नांगलोई, मुंडका, रिठाला, बवाना और रोहिणी जैसे विधानसभा क्षेत्र आते हैं.

चांदनी लोकसभा सीट
चांदनी चौक लोकसभा सीट दिल्ली की सातों सीटों में सबसे छोटी है. चांदनी चौक लोकसभा सीट सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित है. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी डॉ. हर्षवर्धन ने जीत हासिल की थी. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस के जय प्रकाश अग्रवाल को करीब 3 लाख वोटों से हरा दिया था. वहीं, आम आदमी पार्टी ने पंकज गुप्ता को चुनावी मैदान में उतारा था.

पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट
लोकसभा चुनाव 2019 में पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर भी बीजेपी ने जीत हासिल की थी. बीजेपी नेता और पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने इस सीट पर जीत हासिल की थी. उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के अरविंदर सिंह लवली और आम आदमी पार्टी की आतिशी को करारी शिकस्त दी थी.  गंभीर ने इस सीट से करीब 4 लाख वोटों से जीत हासिल की थी.

नई दिल्ली लोकसभा सीट
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की नई दिल्ली लोकसभा सीट पर बीजेपी ने ही बाजी मारी थी. इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार मीनाक्षी लेखी ने कांग्रेस के अजय माकन को 2 लाख 56 हजार से अधिक वोटों से हराकर जीत हासिल की थी.

पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट
लोकसभा चुनाव 2019 के चुनाव में पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट का परिणाम भी काफी उलटफेर वाला रहा था. इस सीट पर जनता ने बीजेपी प्रत्याशी प्रवेश वर्मा को अपना सांसद चुना. प्रवेश वर्मा ने कांग्रेस के महाबल मिश्रा को 5 लाख 78 हजार से अधिक वोटों से हरा दिया. इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में भी प्रवेश वर्मा ने बड़े अंतर से जीत हासिल की थी.

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दक्षिण दिल्ली लोकसभा सीट
लोकसभा चुनाव 2019 की हाई प्रोफाइल साउथ दिल्ली लोकसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा बड़े अंतर से हराया था. बिधूड़ी को उस चुनाव में करीब सात लाख वोट मिले थे. जबकि राघव चड्ढा को इसके आधे के बराबर भी वोट नहीं मिले थे. इससे पहले साल 2014 में भी रमेश बिधूड़ी ने आप प्रत्याशी को हराया था. 


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