महुआ मोईत्रा की मुश्किलें बढ़ीं, लोकपाल ने दिए सीबीआई जांच के आदेश, निशिकांत दुबे का ट्वीट
डॉ निशिकांत दुबे ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है. उन्होंने बुधवार (आठ नवंबर) को सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा- लोकपाल ने आज मेरे कंप्लेन पर आरोपी सांसद महुआ जी के राष्ट्रीय सुरक्षा को गिरवी रखकर भ्रष्टाचार करने पर सीबीआई जांच के आदेश दिए.
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की फायरब्रांड सांसद महुआ मोईत्रा की मुश्किलें बढ़ती दिख रहीं हैं. लोकपाल ने उनके खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के झारखंड के सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है. उन्होंने बुधवार (आठ नवंबर) को सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा- लोकपाल ने आज मेरे कंप्लेन पर आरोपी सांसद महुआ जी के राष्ट्रीय सुरक्षा को गिरवी रखकर भ्रष्टाचार करने पर सीबीआई जांच के आदेश दिए. कैश फॉर क्वेरी मामले में गोड्डा के सांसद ने लोकपला में महुआ मोईत्रा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. डॉ दुबे के मुताबिक, उनकी शिकायत का संज्ञान लेते हुए लोकपाल ने सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे का आरोप है कि गौतम अदाणी की छवि खराब करने के लिए महुआ मोईत्रा ने जान-बूझकर ऐसे-ऐसे सवाल पूछे, जिसकी वजह से विवाद खड़ा हुआ. बता दें कि डॉ दुबे का दावा है कि उद्योगपति हीरानंदानी के पास महुआ मोईत्रा का लॉग-इन आईडी भी था. इसलिए ऐसा यह शक बढ़ गया है कि सवाल भी हीरानंदानी की ओर से ही लिखे जा रहे थे, जिसका जवाब महुआ मोईत्रा संसद में मांगतीं थीं.
एथिक्स कमेटी की कार्रवाई की भी लटकी तलवार
दूसरी तरफ, महुआ मोईत्रा पर एथिक्स कमेटी की कार्रवाई की भी तलवार लटकी हुई है. कहा जा रहा है कि उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए 2005 के एक फैसले की नजीर दी जा सकती है. उस समय सवाल पूछने के बदले में पैसे लेने के आरोपी 11 सांसदों को निलंबित कर दिया गया. निलंबित किए गए सांसदों ने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन शीर्ष अदालत ने भी इन्हें राहत देने से इंकार कर दिया. वर्ष 2007 में सुप्रीम कोर्ट ने सांसदों को अयोग्य ठहराने के फैसले को बरकरार रखा. बता दें कि दो नवंबर 2023 को एथिक्स कमेटी ने महुआ मोईत्रा से कई सवाल-जवाब किए थे. इस पर महुआ ने आपत्ति जताई थी.
महुआ ने कहा था- मेरा चीरहरण हुआ
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोईत्रा ने एथिक्स कमेटी की बैठक से बाहर आने के बाद कहा था कि उनसे बेहद व्यक्तिगत सवाल पूछे गए. बाद में उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा, जिसमें कहा कि एथिक्स कमेटी की बैठक में उनके साथ ‘अनैतिक, अशोभनीय और पूर्वाग्रहपूर्ण’ व्यवहार हुआ. उनका चीरहरण किया गया. महुआ मोईत्रा ने कहा कि एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर ने ‘अशोभनीय व्यक्तिगत प्रश्न’ पूछे. हालांकि, विनोद कुमार सोनकर और अन्य बीजेपी सदस्यों ने महुआ के आरोपों को गलत करार दिया. साथ ही कहा कि विपक्षी दलों के सदस्यों ने आरोपों से महुआ को बचाने के लिए ऐसा माहौल बना दिया.