Loksabha election 2024: देश में लोकसभा चुनाव आखिरी पड़ाव पर है. गुरुवार को आखिरी एवं सातवें चरण के लिए चुनाव प्रचार अभियान थम गया. एक जून को सातवें चरण के लिए मतदान होगा. चुनाव की घोषणा होने के बाद विभिन्न दलों के नेताओं ने जमकर प्रचार किया. देश भीषण गर्मी के चपेट में हैं, इसका असर मतदान पर पड़ा. वर्ष 2019 के मुकाबले इस बार मतदान प्रतिशत कम रहा. लेकिन प्रमुख नेताओं ने चुनाव में जमकर प्रचार किया. इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोई मुकाबला नहीं है. प्रधानमंत्री ने इस बार 200 से अधिक रैली और रोड शो किये. साथ ही विभिन्न मीडिया संस्थान को 80 इंटरव्यू दिये. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री ने 140 से अधिक रैली को संबोधित किया था.
पिछली बार जिन राज्यों में बेहतर प्रदर्शन, वहां रहा विशेष फोकस
सीटों के लिहाज से उत्तर प्रदेश में लोकसभा की सबसे अधिक 80 सीट, बिहार में 40, पश्चिम बंगाल में 42 और महाराष्ट्र में 48 सीटें हैं. यानी इस राज्यों में लोकसभा की कुल 210 सीटें हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा को 64, बिहार में जदयू के साथ 39, पश्चिम बंगाल में 18 और महाराष्ट्र में 42 सीटों पर जीत मिली थी. इन चार राज्यों में वर्ष 2019 के चुनाव में भाजपा और सहयोगी दलों को 163 सीटों पर जीत मिली थी. ऐसे में इस बार के चुनाव में पुराना प्रदर्शन दोहराने के लिए भाजपा ने जमकर मेहनत की. इन राज्यों के महत्व को देखते हुए प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश में 31, बिहार में 20, महाराष्ट्र में 19 और पश्चिम बंगाल में 18 रैली और रोड शो का आयोजन किया. पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र में दोगुनी रैली को संबोधित किया. महाराष्ट्र में भाजपा नये सहयोगियों के साथ चुनाव लड़ रही है.
दक्षिण भारत पर भी रहा विशेष जोर
यही नहीं प्रधानमंत्री ने दक्षिण भारत में 35 रैली को संबोधित किया, जिसमें कर्नाटक और तेलंगाना में 11-11, तमिलनाडु में 7 और केरल में 6 रैली को संबोधित किया. ओडिशा में 10, झारखंड में 7, मध्य प्रदेश में 10, राजस्थान में पांच और छत्तीसगढ़ में चार रैली को संबोधित किया. आंध्र प्रदेश के पालनाडु से चुनाव प्रचार की शुरुआत की और पंजाब के होशियारपुर में प्रधानमंत्री ने आखिरी रैली को संबोधित किया. चुनाव की घोषणा से पूर्व ही प्रधानमंत्री 15 रैली कर चुके थे. चुनाव की घोषणा के बाद 75 दिन की अवधि में पीएम मोदी ने 180 रैलियां और रोड शो किये. रोड शो, रैली और अन्य कार्यक्रम को जोड़ दें, तो यह संख्या 206 होता है. यानी औसतन हर दिन पीएम मोदी ने दो से अधिक रैलियां और रोड शो के साथ कार्यक्रम में हिस्सा लिया.
विपक्षी नेता रहे काफी पीछे
लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री के मुकाबले कांग्रेस के प्रमुख नेताओं ने काफी कम रैलियां की. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस बार 76 रैली और रोड शो किया, जबकि प्रियंका गांधी ने 38 रैली और रोड शो और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 31 रैली को संबोधित किया. क्षेत्रीय दल के नेताओं ने चुनाव में जमकर प्रचार किया. मतगणना चार जून को होगी और इसी दिन पता चलेगा कि किसकी रैलियों ने जनता को अपने पाले में करने में कामयाबी हासिल की. इस बार भाजपा के खिलाफ कई राज्यों में इंडिया गठबंधन मिलकर चुनाव लड़ रहा है. बिहार, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और सहयोगी दल मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस अकेले मैदान में है.