विश्व की कोरोना वायरस से जंग अभी जारी है और इसकी तीसरी लहर से बचने के लिए पूरा विश्व संघर्ष कर रहा है इसी बीच यह खबर आयी है कि WHO के एक्सपर्ट ने यह चेतावनी दी है कि कोरोना वायरस का और खतरनाक वैरिएंट आ सकता है.
एक ओर जहां विश्व के सभी देश कोविड 19 से लड़ने में जुटे हैं वहीं हर रोज इस वायरस को लेकर नये खुलासे हो रहे हैं. इसी क्रम में एक अध्ययन लाॅसेंट मैग्जीन में प्रकाशित हुआ है जिसमें यह बताया गया है कि कोरोना संक्रमण से मुक्त होने के बाद भी कोरोना पीड़ितों को पूरी तरह ठीक होने में 35 सप्ताह तक का समय लग रहा है.
यह अध्ययन विश्व के 56 देशों में किया गया है और इस अध्ययन में 3,762 लोगों को शामिल किया गया था. इस अध्ययन में छह सितंबर 2020 से 25 नवंबर 2020 तक के आंकड़े शामिल किय गये हैं. शोधकर्ताओं ने 19 अंगों में 203 तरह के लक्षण देखे.
अध्ययन के अनुसार छह महीने के बाद सबसे अधिक जो लक्षण देखे गये वे हैं थकान, शारीरिक या मानसिक परिश्रम के बाद लक्षणों का बिगड़ना और समझ में कमी आना. इसके अलावा अन्य लक्षणों में दृश्य मतिभ्रम, कंपकंपी, खुजली, मासिक धर्म चक्र में बदलाव, यौन रोग, दिल की धड़कन, मूत्राशय पर नियंत्रण के मुद्दे, दाद, स्मृति हानि, धुंधली दृष्टि, दस्त और टिनिटस शामिल हैं.
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कोरोना वायरस के मामले कम होेने के बाद पाबंदियों में छूट मिलने से आम लोग लापरवाह हो गये हैं और कोरोना प्रोटोकाॅल का सही से पालन नहीं कर रहे हैं जिसे लेकर प्रधानमंत्री और स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी चिंता जतायी है. कोरोना के थर्ड वेव को रोकने के लिए कोरोना प्रोटोकाॅल का पालन बहुत जरूरी है.
Posted By : Rajneesh Anand