Ludhiana Court Blast: खालिस्तानी आतंकी लखबीर सिंह रोडे ने बनायी थी लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट की योजना

एनआईए के अधिकारी ने कहा, इस योजना को अंजाम देने के लिए, उसने पाकिस्तान स्थित तस्करों के साथ मिलकर आईईडी की तस्करी करने और अधिक से अधिक लोगों को हताहत करने तथा आम जनता के बीच आतंक फैलाने के उद्देश्य से विस्फोट करने के लिए भारत स्थित गुर्गों की भर्ती की.

By ArbindKumar Mishra | January 8, 2023 9:00 PM

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने लुधियाना की एक अदालत में बम विस्फोट से जुड़े मामले में एक पाकिस्तानी नागरिक सहित पांच लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है. चार्जशीट में बड़ा खुलासा हुआ है कि खालिस्तानी आतंकी लखबीर सिंह ने ब्लास्ट की योजना बनायी थी.

पंजाब के स्थानों पर विस्फोट की थी योजना : एनआईए जार्चशीट

एनआईए के प्रवक्ता ने कहा कि जांच के दौरान यह खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान स्थित इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन और खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) के आतंकवादियों के आका लखबीर सिंह रोडे ने पंजाब में विभिन्न स्थानों पर आईईडी विस्फोटों को अंजाम देने की योजना बनाई थी.

लखबीर सिंह रोडे ने पाकिस्तान की मदद से ऐसे पंजाब को तबाह करने की बनायी थी योजना

एनआईए के अधिकारी ने कहा, इस योजना को अंजाम देने के लिए, उसने पाकिस्तान स्थित तस्करों के साथ मिलकर आईईडी की तस्करी करने और अधिक से अधिक लोगों को हताहत करने तथा आम जनता के बीच आतंक फैलाने के उद्देश्य से विस्फोट करने के लिए भारत स्थित गुर्गों की भर्ती की. लखबीर सिंह रोडे ने पाकिस्तान स्थित हथियारों, विस्फोटकों और नशीले पदार्थों की तस्करी करने वाले जुल्फिकार उर्फ पहलवान, हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी मलेशिया, सुरमुख सिंह उर्फ सम्मू, दिलबाग सिंह उर्फ बग्गो और राजनप्रीत सिंह की मदद से एक आतंकी गिरोह बनाया. रोडे ने पाकिस्तान स्थित तस्कर जुल्फिकार और उसके साथियों के तस्करी माध्यमों का इस्तेमाल गगनदीप सिंह उर्फ गागी को आईईडी पहुंचाने के लिए किया. गागी ने ही अदालत में विस्फोटक लगाया था. एनआईए ने विभिन्न धाराओं के तहत गागी (मृत), सम्मू, बग्गो, राजनप्रीत सिंह और जुल्फिकार के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया.

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लुधियाना कोर्ट विस्फोट में गयी थी छह नागरिकों की जान

दिसंबर 2021 में लुधियाना की एक अदालत में हुए विस्फोट में एक संदिग्ध आतंकवादी के अलावा छह नागरिकों की मौत हो गयी थी. यह मामला शुरू में 23 दिसंबर को पंजाब में लुधियाना कमिश्नरी के तहत पुलिस थाने डिवीजन-5 में दर्ज किया गया था. इसके बाद 13 जनवरी, 2022 को एनआईए द्वारा इस मामले को फिर से दर्ज किया गया था.

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