नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने कहा कि नागरिकों की सुरक्षा के लिए पर्यावरणीय मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करना सरकार का दायित्व है. इसके साथ ही अधिकरण ने पंजाब में लुधियाना के जिलाधिकारी को उन 11 लोगों के परिवारों को 20-20 लाख रुपये देने का निर्देश दिया, जिनकी कथित तौर पर जहरीली गैस के रिसाव के कारण मौत हो गई थी. लुधियाना जिले के घनी आबादी वाले ग्यासपुरा इलाके में कथित तौर पर जहरीली गैस के रिसाव के कारण तीन बच्चों समेत 11 लोगों की मौत हो गई थी. हवा में हाइड्रोजन सल्फाइड के हाई लेवल का पता चला था और अधिकारियों ने संदेह जताया था कि यह किसी सीवर से निकला है. घटना के बाद लुधियाना प्रशासन ने मृतकों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये और इस घटना में बीमार हुए लोगों को 50-50 हजार रुपये मुआवजा देने की घोषणा की थी.
मीडिया में आई खबरों के आधार पर स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई शुरू करते हुए, अधिकरण अध्यक्ष जस्टिस ए. के. गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने आठ सदस्यीय तथ्यान्वेषी संयुक्त समिति का गठन किया, जिसका नेतृत्व पंजाब स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष करेंगे. जस्टिस गोयल, जस्टिस सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य डॉ. ए. सेंथिल वेल की पीठ ने कहा- इस बीच लुधियाना के जिलाधिकारी घटना में जान गंवाने 11 व्यक्तियों के परिवारों को 20-20 लाख रुपये के मुआवजे का भुगतान सुनिश्चित कर सकते हैं, यदि कोई राशि पहले भुगतान की गई है, तो उस राशि को काट लें.
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पीठ ने कहा- समिति उन व्यक्तियों के विवरण का उल्लेख कर सकती है जिनकी मौत हुई है और वे व्यक्ति जो घायल हुए हैं. यह ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए भविष्य में किए जाने वाले उपायों की भी सिफारिश कर सकती है. अधिकरण ने कहा- नागरिकों की सुरक्षा के लिए पर्यावरणीय मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करना सरकार का दायित्व है. आठ सदस्यीय समिति में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक (उत्तर), औद्योगिक विष विज्ञान अनुसंधान केंद्र (ITRC), लखनऊ, पीजीआई चंडीगढ़ के निदेशक के नामित प्रतिनिधि, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के प्रतिनिधि, पंजाब राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, लुधियाना के जिलाधिकारी और लुधियाना नगर निगम के आयुक्त शामिल हैं.
पीठ ने कहा कि समिति आज से एक सप्ताह के भीतर बैठक कर सकती है और अपना कार्य एक महीने के भीतर पूरा कर सकती है. अधिकरण ने कहा- समिति किसी भी अन्य विभाग, संस्था या व्यक्ति के साथ बातचीत करने और संबंधित स्थलों का दौरा करने के लिए स्वतंत्र होगी. समिति स्थिति के अनुसार ऑनलाइन या ऑफलाइन कार्य करने के लिए स्वतंत्र होगी. समिति 30 जून या इससे पहले इस अधिकरण को अपनी रिपोर्ट दे सकती है. घटना में मारे गये 11 लोग उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले थे. ग्यासपुरा में प्रवासी लोगों की खासी संख्या है और इलाके में कई इंडस्ट्रियल एवं रेसिडेंशियल बिल्डिंग स्थित हैं.