भारत का CoWin अब बन गया ग्लोबल, दुनिया भर के 50 से अधिक देशों को फ्री में इसकी तकनीक देगी मोदी सरकार
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ने सोमवार यानी 28 जून को अपने एक ट्वीट के जरिए इस बात की जानकारी दी है कि भारत में कोरोना वैक्सीन डिलीवरी के लिए बनाए गए ऐप की तकनीक को लेकन में अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और मध्य एशिया के करीब 50 से अधिक देशों ने रुचि दिखाई है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने हमें इसमें रुचि दिखाने वाले किसी भी देश को कोविन ऐप उपलब्ध कराने के लिए ओपन सोर्स वर्जन तैयार करने का निर्देश दिया है.
नई दिल्ली : कोरोना वैक्सीन डिलीवरी के लिए भारत की ओर से बनाया गया टेक्निकल प्लेटफॉर्म कोविन (CoWin) अब ग्लोबल बन गया है. इसका कारण यह है कि दुनिया भर के करीब 50 से अधिक देशों ने इसकी तकनीक लेने में अपनी-अपनी रुचि दिखाई है. कोविन प्रमुख आरएस शर्मा ने सोमवार को बताया कि दुनिया के दूसरे देशों को इसकी तकनीक फ्री में उपलब्ध कराने के लिए सरकार इस एप्लिकेशन का ओपन सोर्स वर्जन तैयार कराएगी.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ने सोमवार यानी 28 जून को अपने एक ट्वीट के जरिए इस बात की जानकारी दी है कि भारत में कोरोना वैक्सीन डिलीवरी के लिए बनाए गए ऐप की तकनीक को लेकन में अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और मध्य एशिया के करीब 50 से अधिक देशों ने रुचि दिखाई है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने हमें इसमें रुचि दिखाने वाले किसी भी देश को कोविन ऐप उपलब्ध कराने के लिए ओपन सोर्स वर्जन तैयार करने का निर्देश दिया है.
#CoWIN has become popular! Over 50 countries from across Central Asia, Latin America & Africa, are interested in this #technology. @PMOIndia has directed us to create an open-source version of #CoWIN free of cost to any interested country. #DigitalIndia #DigitalTransformation
— Dr. RS Sharma (@rssharma3) June 28, 2021
क्या है कोविन ऐप?
दरअसल, कोविन (कोविड-19 वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क) वर्ष 2015 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में बनाए गए ई-विन (eVIN) यानी इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क का नया वर्जन है, जिसे भारत की ओर से कोरोना वैक्सीन डिलीवरी के लिए तैयार किया गया है. इस ऐप के जरिए वैक्सीन स्टॉक और कोल्ड चेन का वास्तविक समय पर निगरानी किया जाता है. इसके साथ ही, इसी कोविन ऐप के जरिए अब तक कोरोना का टीका लगवाने वाले का रजिस्ट्रेशन भी किया जाता रहा है.
कोरोना टीका लगवाने में होता है इस्तेमाल
इसके साथ ही, भारत में निर्मित स्वदेशी कोविन प्लेटफॉर्म के जरिए बड़े पैमाने पर कोरोना टीका को रोलआउट करने के लिए भी इस्तेमाल किया गया, जिसकी शुरुआत मार्च 2021 से की गई थी. इसके पहले चरण में 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को टीका लगाया जाना था. इसके बाद इसके दूसरे चरण में जब सरकार की ओर से 45 से अधिक उम्र के लोगों को टीका लगाया गया तब भी इसका इस्तेमाल जारी रहा. यहां तक कि 1 मई 2021 से 18 से 44 साल के लोगों को टीका लगाने की प्रक्रिया शुरू की गई, तो इसी कोविन ऐप के जरिए लोगों का रजिस्ट्रेशन किया गया.
21 जून को कीर्तिमान किया स्थापित
आपको यह भी बता दें कि तकनीकी खामी और टीकों की कमी की वजह से टीकाकरण के शुरुआती दौर में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन इस ऐप के इस्तेमाल का नतीजा है कि बीते 21 जून को एक दिन में करीब 80 लाख से अधिक लोगों का टीकाकरण किया गया, जो अपने आप में मील का पत्थर है. सरकारी अस्पतालों में सभी के लिए नि:शुल्क टीकाकरण किया गया और कोविन ऐप पर टीकाकरण से पहले रजिस्ट्रेशन कराने की प्रक्रिया भी अब समाप्त कर दी गई.
Posted by : Vishwat Sen