भोपाल : मध्यप्रदेश में पिछले एक सप्ताह से चल रही सियासी उठा पटक के बीच प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस से त्यागपत्र देने वाले 22 विधायकों में से छह विधायकों के इस्तीफे शनिवार शाम स्वीकार कर लिए.
ये सभी छह विधायक सिंधिया के कट्टर समर्थक माने जाते हैं और मुख्यमंत्री कमलनाथ के मंत्रिमंडल में भी शामिल थे. विधानसभा अध्यक्ष ने संवाददाताओं को बताया कि इमरती देवी, तुलसीराम सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, महेन्द्र सिंह सिसोदिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर और डॉ प्रभुराम चौधरी का विधानसभा सदस्यता से दिया गया त्यागपत्र स्वीकार कर लिया गया है. उन्होंने कहा, इन विधायकों द्वारा 10 मार्च 2020 को त्यागपत्र दिये जाने की सूचना प्राप्त हुई थी.
इसके सत्यापन के लिए मैंने उन्हें शुक्रवार और शनिवार को दो बार व्यक्तिगत तौर पर मेरे कक्ष में उपस्थित होने का समय दिया था, लेकिन उक्त सदस्य उपस्थित नहीं हुए. प्रजापति ने कहा, उक्त सदस्यों को माननीय राज्यपाल ने मंत्रिमंडल से बर्खास्त भी किया है.
विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इन छह विधायकों के त्यागपत्र मंजूर करने के बाद मध्यप्रदेश विधानसभा की प्रभावी संख्या 228 से घटकर 222 हो गई है. इसके बाद विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या 114 से घटकर 108 पर आ गई है. विधानसभा में चार निर्दलीय, दो बसपा और एक सपा विधायक कांग्रेस सरकार को समर्थन दे रहे हैं. जबकि प्रदेश विधानसभा में भाजपा के 107 विधायक हैं.
छह विधायकों के त्यागपत्र मंजूर होने के बाद मध्यप्रदेश विधानसभा में बहुमत का जादुई आंकड़ा अब 112 हो गया है. मध्यप्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं इसमें से दो विधायकों के निधन के कारण वर्तमान में विधानसभा की प्रभावी संख्या 228 है.