मध्य प्रदेश उप चुनाव (Madhya Pradesh by election 2020) में जुबानी जंग तेज हो गयी है. ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya M. Scindia) लगातार कांग्रेस और कमलनाथ पर हमला (scandia attack on congress kamal nath) कर रहे हैं. एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अन्नदाताओं, युवाओं, महिलाओं के लिए जब मैंने आवाज उठाई… तो मुझे सड़क पर उतरने को कह दिया गया…सिंधिया परिवार का इतिहास रहा है कि “प्राण जाए पर वचन न जाए” – मैं सिर्फ अकेला सड़क पर नहीं उतरा….बल्कि जनता के साथ वादाखिलाफी करने वाली सरकार को भी सड़क पर ला दिया….
भाजपा उम्मीदवार तुलसी सिलावट के लिए चुनाव प्रचार करने पहुंचे सिंधिया ने कांग्रेस पर करारा हमला किया और कहा कि वे कहते हैं कि तुलसी सिलावट गद्दार है… ज्योतिरादित्य सिंधिया गद्दार है…सुन लो कमलनाथ जी और दिग्विजय सिंह जी…आपकी चापलूसी करने के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया की पैदाइश नहीं हुई…नौवजवानों के हित…महिलाओं के हित और किसानों के हित की लडाई के लिए सिंधिया परिवार जमीन पर उतरता है.
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की सभाओं में उनके समर्थकों द्वारा अक्सर लगाए जाने वाले “जय-जय कमलनाथ” के नारे पर भाजपा के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने निशाना साधा और 73 वर्षीय कांग्रेस नेता पर अहंकारी होने का आरोप लगाया. सिंधिया ने चुनावी सभा में श्रोताओं से “जय-जय सियाराम” का नारा लगवाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने (अयोध्या में) शिलान्यास करते हुए राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया है. राम मंदिर देश की 130 करोड़ जनता की भावनाओं से जुड़ा है. देश और भाजपा में यही नारा (जय-जय सियाराम) लगता है… और कांग्रेस में नारा लगता है-जय-जय कमलनाथ…
अन्नदाताओं, युवाओं, महिलाओं के लिए जब मैंने आवाज उठाई तो मुझे सड़क पर उतरने को कहा गया। सिंधिया परिवार का इतिहास रहा है कि "प्राण जाए पर वचन न जाए" – मैं सिर्फ अकेला सड़क पर नहीं उतरा, बल्कि जनता के साथ वादाखिलाफी करने वाली सरकार को भी सड़क पर ला दिया। pic.twitter.com/sv5sNDxpPj
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) October 29, 2020
उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस में यही अंतर है. जो व्यक्ति अपने आप को भगवान के समान समझे, उसके अहंकार को हमें आगामी तीन तारीख (सूबे की 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनावों के मतदान की तिथि) को चूर-चूर करके छोड़ना है….सिंधिया, अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सांवेर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार और प्रदेश के पूर्व जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट के प्रचार के लिए आए थे…
यहां समझे गणित : मध्य प्रदेश की बात करें तो यहां कुल 230 विधानसभा सीटें है, जिनमें से 28 पर उपचुनाव कराये जा रहे हैं. वर्तमान में भाजपा के पास 107 सीटें हैं और बहुमत के लिए उसे 9 सीटों की जरूरत है. वहीं कांग्रेस के पास 88 सीटें हैं और बहुमत के लिए उसे 28 सीटों पर जीत की आवश्यकता है. लेकिन प्रदेश में यदि कांग्रेस मिली जुली सरकार के बनाने पर विचार करती है तो उसे 21 सीटों की और दरकार होगी यानी 21 सीटों पर उसे जीत दर्ज करनी ही होगी. ऐसे वक्त में बहुमत के आंकड़े से दूर होने पर सात बसपा, सपा और निर्दलीय विधायकों की भूमिका अहम हो जाएगी.
Posted By : Amitabh Kumar