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Madhya Pradesh by Election 2020: कहीं मायावती ना बिगाड़ दे कांग्रेस का खेल, बीजेपी को भी सता रहा है डर

Madhya Pradesh by Election 2020 : मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव (MP By Poll) को लेकर सूबे की राजनीति गरम है. Congress,bjp,bsp,mayawati,kamal nath,jyotiraditya scindia, shivraj singh chauhan

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 30, 2020 1:35 PM

Madhya Pradesh by Election 2020 : मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव (MP By Poll) को लेकर सूबे की राजनीति गरम है. यहां 3 को मतदान होंगे जबकि वोटों की गिनती 10 नवंबर को होगी. सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने 28 सीटों पर अपने उम्मीदवार मैदान में उतार दिये हैं. सूबे के जिन 28 विधानसभा सीटों पर 3 नवंबर को वोट डाले जाने है उनमें से 16 सीटें ग्वालियर चंबल इलाके से आती हैं. ये बहुत खास क्योंकि इन सीटों में मायावती की बसपा अन्य उम्मीदवारों को टक्कर देने का काम करेगी.

16 सीटें ग्वालियर चंबल इलाके की : सूबे के जिन 28 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होने वाले हैं उनमें से 16 सीटें ग्वालियर चंबल इलाके की हैं. इस इलाके की बात करें तो यहां बसपा का अपना वोट बैंक है. वहीं इस इलाके की नौ विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां बसपा के उम्मीदवार पहले अपने विरोधी को पटखनी दे चुके हैं. इनमें मेहगांव, करैरा, जौरा, सुमावली, मुरैना, दिमनी, अंबाह, भांडेर व अशोकनगर की सीट शामिल है. पिछले विधानसभा चुनाव में भी इन इलाकों में बसपा का वोट प्रतिशत अच्छा था.

बसपा का गढ़ : मध्य प्रदेश में करीब 16 फीसदी अनुसूचित जाति की आबादी है जिसमें सबसे ज्यादा ग्वालियर-चंबल इलाके में निवास करती है. यही वजह है कि इस इलाके को बसपा अपना गढ़ मानती है.

14 मंत्री मैदान में : सूबे में हो रहे उपचुनाव में 14 मंत्री भी चुनावी मैदान में हैं जिसमें एदल सिंह कंषाना, सुरेश धाकड़, बृजेंद्र सिंह यादव, तुलसीराम सिलावट, गिर्राज डंडौतिया, गोविंद सिंह राजपूत, ओपीएस भदौरिया, डा. प्रभुराम चौधरी, इमरती देवी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, महेंद्र सिंह सिसौदिया, हरदीप सिंह दांग और बिसाहूलाल सिंह शामिल हैं. इन्हें भाजपा ने टिकट दिया है.

यहां समझे गणित : मध्य प्रदेश की बात करें तो यहां कुल 230 विधानसभा सीटें है, जिनमें से 28 पर उपचुनाव कराये जा रहे हैं. वर्तमान में भाजपा के पास 107 सीटें हैं और बहुमत के लिए उसे 9 सीटों की जरूरत है. वहीं कांग्रेस के पास 88 सीटें हैं और बहुमत के लिए उसे 28 सीटों पर जीत की आवश्यकता है. लेकिन प्रदेश में यदि कांग्रेस मिली जुली सरकार के बनाने पर विचार करती है तो उसे 21 सीटों की और दरकार होगी यानी 21 सीटों पर उसे जीत दर्ज करनी ही होगी. ऐसे वक्त में बहुमत के आंकड़े से दूर होने पर सात बसपा, सपा और निर्दलीय विधायकों की भूमिका अहम हो जाएगी.

Posted By : Amitabh Kumar

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