मध्यप्रेदश में होगा मंत्रिमंडल विस्तार, कौन – कौन हो सकता है शामिल

मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे. यह मंत्रिमंडल का तीसरा विस्तार है. इसमें कई नये चेहरों के सामने आने की चर्चा है. 23 मार्च 2020 को अकेले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शपथ ली थी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 2, 2021 6:24 PM
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मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे. यह मंत्रिमंडल का तीसरा विस्तार है. इसमें कई नये चेहरों के सामने आने की चर्चा है. 23 मार्च 2020 को अकेले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शपथ ली थी.

खबर है कि मंत्रिमंडल का विस्तार रविवार ( 3 जनवरी) को देपहर लगभग 12.30 बजे होने की संभावना है. इसी वक्त मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मोहम्मद रफीक भी दोपहर करीब तीन बजे शपथ लेंगे. मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल नये मंत्रियों एवं मुख्य न्यायाधीश को पद की शपथ दिलाएंगी. वह उत्तरप्रदेश की भी राज्यपाल हैं.

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रफीक वर्तमान में उड़ीसा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश हैं और उन्हें वहां से स्थानांतरित कर 31 दिसंबर को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय का नया मुख्य न्यायाधीश बनाया गया है. मध्यप्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर तीन नवंबर को हुए उपचुनाव के परिणाम आने के बाद से ही इस मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा राजनीतिक गलियारों में चल रही थी. इस उपचुनाव में भाजपा ने 28 में से 19 सीटें जीती थी, जबकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को मात्र नौ सीटें मिली.

इससे 230 सदस्यों के सदन में भाजपा की सीटें बढ़कर 126 हो गई, जबकि कांग्रेस विधायकों की संख्या 96 पहुंच गई. जिन 28 सीटों पर उपचुनाव हुए थे, इनमें से अधिकांश सीटें कांग्रेस विधायकों द्वारा इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने से खाली हुई थी. इस मंत्रिमंडल विस्तार में उपचुनाव में जीते भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों तुलसीराम सिलावट एवं गोविन्द सिंह राजपूत को शामिल किए जाने की संभावना है.

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इन दोनों को पिछले साल 21 अप्रैल को चौहान के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था, लेकिन तब वह विधायक नहीं थे. इसके चलते उन्हें नवंबर में हुए उपचुनाव से ठीक पहले छह माह पूरे होने से एक दिन पहले मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. इस उपचुनाव में तीन मंत्री एदल सिंह कंषाना, इमरती देवी एवं गिर्राज दंडोतिया चुनाव हार गये, जिसकी वजह से उन्हें अपने मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा है.

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