madhya pradesh crisis: कांग्रेस को जबरदस्त झटका देते हुए पार्टी के प्रमुख युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को पार्टी से त्यागपत्र दे दिया है. सिंधिया के साथ ही उनके समर्थक पार्टी के 22 विधायकों के इस्तीफे से राज्य की कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. इस राजनीतिक घटनाक्रम के कारण भाजपा भी डरी हुई है. यही वजह है कि उसने अपने सभी विधायकों को दिल्ली भेज दिया है.
भाजपा के 106 विधायक को दिल्ली भेजे जाने के संबंध में जब पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय से पूछा गया तो उन्होंने बड़े ही सजह भाव से कहा कि हमारे विधायक यहां छुट्टियां मनाने पहुंचे हैं. सभी त्योहार के मूड में हैं और हमारा अभी दिल्ली में ही ठहरने का कार्यक्रम है. खबरों की मानें तो सभी विधायकों को गुरुग्राम के एक होटल में ठहराया गया है.
आपको बता दें कि कांग्रेस छोड़ने वाले 49 वर्षीय सिंधिया केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं. उनकी दादी दिवंगत विजय राजे सिंधिया इसी पार्टी में थीं. ऐसी अटकले हैं कि सिंधिया को राज्यसभा का टिकट दिया जा सकता है और उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया जा सकता है. कांग्रेस ने पार्टी विरोधी गतिविधि के कारण पार्टी के महासचिव एवं पूर्ववर्ती ग्वालियर राजघराने के वंशज ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी से निष्कासित कर दिया.
मंगलवार सुबह जब पूरा देश होली का जश्न मना रहा था, तभी सिंधिया ने भाजपा के वरिष्ठ नेता और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर मुलाकात की. बैठक में क्या बातचीत हुई, इस बारे में आधिकारिक रूप से कुछ भी नहीं कहा गया है. इस मुलाकात के बाद सिंधिया ने इस्तीफा दे दिया.