MP Election 2023: पिछली बार मिली मात, अबकी बार 1 लाख के अधिक अंतर से चुनाव जीतने का दावा, कौन है मधु वर्मा?

मध्यप्रदेश में इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए इंदौर की राऊ सीट से भाजपा उम्मीदवार बनाए गए मधु वर्मा ने गुरुवार को दावा किया कि वह एक लाख से ज्यादा मतों के अंतर से चुनाव जीतेंगे.

By Aditya kumar | August 17, 2023 10:47 PM

Madhya Pradesh Election 2023 : मध्यप्रदेश में इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए इंदौर की राऊ सीट से भाजपा उम्मीदवार बनाए गए मधु वर्मा ने गुरुवार को दावा किया कि वह एक लाख से ज्यादा मतों के अंतर से चुनाव जीतेंगे. भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाने वाले वर्मा को वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान राऊ क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार जीतू पटवारी के हाथों 5,703 मतों के नजदीकी अंतर से हार का सामना करना पड़ा था.

भाजपा संगठन को धन्यवाद

राऊ सीट से अपनी उम्मीदवारी घोषित होने के बाद मधु वर्मा ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं राऊ क्षेत्र से उम्मीदवार हूं. मुझ पर दोबारा विश्वास जताए जाने पर भाजपा संगठन को धन्यवाद देता हूं.’ पिछले विधानसभा चुनाव में हार का कारण पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पिछली बार उन्हें चुनाव लड़ने की तैयारी के लिए केवल 13 दिन का समय मिला था. मधु वर्मा ने आरोप लगाया कि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने कृषि ऋण माफी और युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने सरीखे कई चुनावी वादों की आड़ में मतदाताओं के सामने “झूठ का पुलिंदा” पेश किया था.

एक लाख से ज्यादा मतों के अंतर से चुनाव जीतेंगे!

मधु वर्मा ने दावा किया कि सूबे की मौजूदा शिवराज सिंह चौहान सरकार की लाडली बहना योजना और अन्य कार्यक्रमों की बदौलत वह इस बार राऊ विधानसभा सीट से एक लाख से ज्यादा मतों के अंतर से चुनाव जीतेंगे. उन्होंने राऊ के मौजूदा कांग्रेस विधायक पटवारी के इस विधानसभा क्षेत्र में साइकिल से घूमकर लोगों से मिलने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि महज साइकिल से घूमने से नागरिकों की समस्याएं नहीं सुलझ जातीं.

”नागरिकों की हरसंभव मदद करता हूं”

मधु वर्मा ने कहा,‘‘मैं राऊ क्षेत्र में पटवारी से ज्यादा घूमता हूं और नागरिकों की हरसंभव मदद करता हूं.’’ वर्मा, भाजपा के उन 39 नेताओं में शामिल हैं जिन्हें नवंबर में संभावित विधानसभा चुनाव से करीब तीन महीने पहले पार्टी ने उम्मीदवार घोषित किया है.

हारी हुई सीट पर ध्यान BJP ने

मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पहली सूची में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2018 में हारी हुई सीट और कुछ 2013 में भी हारी हुई सीट पर ध्यान केंद्रित किया है. भाजपा ने 39 उम्मीदवारों की पहली सूची में 14 ऐसे लोगों को फिर से मौका दिया है जो पिछली बार चुनाव हार गए थे, इनमें तीन पूर्व मंत्री भी शामिल हैं. रणनीति में बदलाव के तहत मध्य प्रदेश में सत्तारुढ़ भाजपा ने विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से पहले ही पांच महिलाओं सहित 39 प्रत्याशियों की अपनी पहली सूची जारी कर दी जिससे चुनावी तैयारियों और प्रत्याशियों को तय करने के मामले में वह अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस से आगे निकल गई.

मध्य प्रदेश की राजनीति भाजपा और कांग्रेस के बीच

मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में 230 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव होने हैं. पिछले सप्ताह मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सात उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी कर मप्र में ऐसा करने वाली पहली राजनीतिक पार्टी बन गई थी. हालांकि, मध्य प्रदेश की राजनीति भाजपा और कांग्रेस के बीच द्विध्रुवीय मानी जाती है, जबकि बसपा और सपा सहित अन्य दल प्रदेश में सीमांत खिलाड़ी के तौर पर देखे जाते हैं. जिन 39 सीट के लिए भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है उनमें से लगभग सभी सीट पर नवंबर 2018 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा कांग्रेस से हार गई थी.

कांग्रेस ने 2018 दिसंबर में अपनी सरकार बनाई

कांग्रेस ने 2018 दिसंबर में अपनी सरकार बनाई थी, लेकिन मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में विधायकों के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने से वह सत्ता से बाहर हो गई थी. भाजपा ने जीन 39 सीट के लिए उम्मीदवार घोषित किये हैं उनमें से 38 सीट पर वर्तमान में कांग्रेस तथा एक सीट पर (पथरिया से बसपा विधायक रामबाई) बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का कब्जा है. भाजपा द्वारा विधानसभा चुनाव की अधिकृत घोषणा से काफी पहले अपने उम्मीदवारों की घोषणा से जाहिर होता है कि पार्टी अपने आक्रमण में कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखना चाहती है तथा अपनी कमजोर सीट पर तैयारी के लिए भरपूर वक्त पार्टी और उम्मीदवारों को देना चाहती है.

आप से इस्तीफा देने वाले राजकुमार कराहे को सूची में अपना नाम मिला

सूची पर एक सरसरी नजर, जिसमें अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) उम्मीदवारों के लिए आरक्षित कई सीट शामिल हैं, डालने से पता चलता है कि भाजपा ने 14 ऐसे उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है, जो पांच साल पहले चुनाव हार गए थे इनमें राज्य के तीन पूर्व मंत्री – लालसिंह आर्य, ललिता यादव और ओमप्रकाश धुर्वे शामिल हैं. गुरुवार सुबह आम आदमी पार्टी (आप) से इस्तीफा देने वाले राजकुमार कराहे को शाम को नयी दिल्ली में घोषित सूची में अपना नाम मिला. भाजपा ने उन्हें बालाघाट जिले के लांजी से मैदान में उतारा है. लांजी से विधानसभा की पूर्व उपाध्यक्ष हिना कावरे कांग्रेस की वर्तमान विधायक हैं.

ध्रुव नारायण सिंह मध्य भोपाल से चुनाव लड़ेंगे

भाजपा महासचिव अरुण सिंह द्वारा हस्ताक्षरित सूची के अनुसार, ध्रुव नारायण सिंह और आलोक शर्मा क्रमशः मध्य भोपाल और उत्तरी भोपाल से चुनाव लड़ेंगे, जबकि पूर्व मंत्री आर्य और प्रीतम लोधी क्रमश: गोहद (एससी), जिला भिंड और पिछोर, जिला शिवपुरी से मैदान में होंगे. भाजपा ने सरला विजेंद्र रावत (सबलगढ़), अदल सिंह कंसाना (सुमावली), प्रियंका मीना (चाचौड़ा), जगन्नाथ सिंह रघुवंशी (चंदेरी), वीरेंद्र सिंह लंबरदार (बंडा), कामाख्या प्रताप सिंह (महाराजपुर), ललिता यादव (छतरपुर), लाखन पटेल (पथरिया), राजेश कुमार वर्मा (गुन्नौर-एससी), सुरेंद्र सिंह गहरवार (चित्रकूट), हीरसिंह श्याम (पुष्पराजगढ़-एसटी), धीरेंद्र सिंह (बड़वारा-एसटी), नीरज ठाकुर (बरगी) और अंचल सोनकर (जबलपुर पूर्व) से टिकट दिया है.

सोर्स : भाषा इनपुट

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