Ladli Laxmi Scheme: बेटियों की IIT, IIM और Law की पढ़ाई का खर्च उठाएगी सरकार, सीएम शिवराज ने दी नयी टैगलाइन

Ladli Laxmi Scheme: शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि लाड़ली लक्ष्मी योजना को 16 साल पूर्ण हो रहे हैं. प्रदेश में 44.85 लाख से अधिक लखपति लाड़लियों का परिवार बन गया, यह प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 2, 2023 10:22 PM
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Ladli Laxmi Scheme: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज प्रदेश की लाड़ली लक्ष्मी बेटियों को हां, मैं भी लाड़ली हूं की टैगलाईन देते हुए कहा कि लाड़ली लक्ष्मी बेटियों का मेडिकल, IIT, IIM, लॉ इंस्टिट्यूट और अन्य रेप्यूटेड एजुकेशनल इंस्टीटूशन में प्रवेश होने पर उनकी फीस राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी. चौहान ने लाड़ली लक्ष्मी दिवस पर यहां मुख्यमंत्री निवास परिसर में बेटियों के सम्मान, मार्गदर्शन और संवाद पर केन्द्रित राज्य स्तरीय लाड़ली लक्ष्मी उत्सव को संबोधित करते हए यह ऐलान किया.

शहर और पंचायतों में विशेष अभियान

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि लाड़ली लक्ष्मी बेटियों के लिए प्रदेश में 9 से 15 मई की अवधि में शहर और पंचायतों में विशेष अभियान चलाया जाएगा. इसमें 9 मई को खेल प्रतियोगिताएं, 10 मई को लाड़ली लक्ष्मी अनुकूल पंचायतों को पुरस्कार वितरण, 11 मई को वित्तीय और डिजिटल साक्षरता पर कार्यक्रम, 12 मई को स्वास्थ्य परीक्षण एवं नृत्य-गीत प्रतियोगिता, 13 मई को पुलिस थाना सहित शासकीय कार्यालयों का भ्रमण, 14 मई को ई-केवायसी (e-KYC) के लिए अभियान और चित्रकला प्रतियोगिता तथा 15 मई को क्षेत्रीय पर्यटन स्थलों एवं अभिरुचि के अन्य स्थानों के भ्रमण का कार्यक्रम होगा.

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प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि

शिवराज सिंह चौहान ने आगे बताते हुए कहा कि लाड़ली लक्ष्मी योजना को 16 साल पूर्ण हो रहे हैं. प्रदेश में 44.85 लाख से अधिक लखपति लाड़लियों का परिवार बन गया, यह प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि है. उन्होंने कहा कि बेटियों के प्रति समाज का दृष्टिकोण बदला है. बेटियों के प्रति दोयम दर्जे का व्यवहार ना हो और बेटा-बेटी को समान माना जाए, इस उद्देश्य से 16 साल पहले लाड़ली लक्ष्मी योजना की शुरुआत की गई थी.

प्रदेश में 1,000 बेटों पर 956 बेटियां ले रही जन्म

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बेटियों की स्थिति में सुधार और समाज का दृष्टिकोण बदलने के लिए लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत शुरू किये गये प्रयासों की कड़ी में बालिकाओं की शिक्षा, उनके बेहतर स्वास्थ्य और आत्म-निर्भरता के लिए प्रशिक्षण आदि के लिए अनेक योजना शुरू की गई. उन्होंने कहा कि बेटी का विवाह बोझ न माना जाए, इसके लिये मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना की शुरुआत की गई. चौहान ने कहा कि इन सभी कोशिशों का प्रदेश में सकारात्मक प्रभाव दिखाई दे रहा है. चौहान ने आगे कहा कि प्रदेश में 1,000 बेटों पर 956 बेटियां जन्म ले रही हैं और लिंगानुपात में हुआ यह सुधार समाज के बदले दृष्टिकोण का परिचायक है.

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