नयी दिल्लीः मध्य प्रदेश में ऑपरेशन लोटस की आहट से एक बार फिर से सियासी बवाल शुरू हो गया है. प्रदेश कांग्रेस और भाजपा के बीच विधायकों की खींचतान का हाई वोल्टेज ड्रामा मंगलवार आधी रात गुरुग्राम के एक होटल में देखने को मिला. अब लोग कयास लगा रहे हैं कि क्या मध्य प्रदेश में भी कर्नाटक जैसा हाल होगा. यहां हाल ही में जेडीएस के कुछ विधायक भाजपा के पाले में आए थे और फिर राज्य में कुमारस्वामी सरकार की जगह भाजपा सरकार बनी. हालांकि इस पूरे मामले औऱ आरोप में भाजपा ने चुप्पी साध रखी है. किसी भी बड़े नेता का बयान सामने आया है. मध्य प्रेदेश से दिग्विजय सिंह ने मोर्चा संभाल रखा है. वो लगातार मीडिया को जानकारी अपडेट कर रहे हैं.
बता दें कि कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर 10 विधायकों को गुरुग्राम के एक लग्जरी होटल में बंधक बनाने का आरोप लगाया और चर्चा होने लगी कि कमलनाथ सरकार पर संकट मंडराने लगा है.
अब कांग्रेस ने दावा किया है कि वो दस में से छह विधायकों को वापस ले आई है. 10 जो आये थे दिल्ली उनमें दो बसपा, एक सपा , तीन निर्दलीय और चार कांग्रेस के बताये जा रहे हैं. छह विधायक जो लौटे हैं उनमे बीएसपी के दो , सपा के एक और ऩिर्दलीय तीन हैं. इससे पहले कांग्रेस ने बीजेपी पर कमलनाथ सरकार को गिराने की कोशिश करने और विधायकों की खरीद-फरोख्त करने का भी आरोप जड़ा. इसके बाद कांग्रेस हरकत में आई और आधी रात को विधायकों को गुरुग्राम के होटल से निकालकर राहत की सांस ली.
गौरतलब है कि यह सारा मामला मंगलवार सुबह से ही चल रहा है जब दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाए थे कि उनकी पार्टी के विधायकों को भाजपा चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली ले जा रही है, जबकि भाजपा ने इसका खंडन करते हुए साफ शब्दों में कहा था कि यह कांग्रेस की आंतरिक कलह का परिणाम है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा के सदस्य दिग्विजय सिंह ने भाजपा पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी ने गुरुग्राम के एक होटल में 10 से 11 विधायकों को रखा था. उन्होंने दावा किया कि इनमें से छह से सात विधायकों को भाजपा के कब्जे से मुक्त करा लिया गया है. उन्होंने बताया कि अब सिर्फ चार विधायक ही भाजपा के पास है. हालांकि, दिग्जिवय सिंह और कमलनाथ सरकार में मंत्री जयवर्धन सिंह को सिर्फ बसपा की निष्कासित विधायक रमाबाई के साथ ही लौटते हुए देखा गया. इस सबके बीच गुरुग्राम में रात भर सियासी ड्रामा चला. जानकारी के मुताबिक, नरोत्तम मिश्रा पांच विधायकों के साथ होटल में रुके थे.
इस बीच, खबर है कि बाकी बचे विधायकों को गुरुग्राम के होटल से कहीं बाहर शिफ्ट किया गया है. न्यूज एंजेंसी एएनआई ने इस सियासी ड्रामे के मामले में दिग्विजय सिंह के हवाले से ट्वीट किया है. इस ट्वीट के अनुसार, दिग्विजय सिंह ने कहा कि, ‘जब हमें पता चला, तो जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह को वहां (मानेसर के होटल ) भेजा गया. जिन लोगों के साथ हमारा संपर्क स्थापित किया गया वे हमारे पास वापस आने के लिए तैयार थे. हम बिसाहूलाल सिंह और रामबाई के लगातार संपर्क में थे. रामबाई तब भी वापस आईं, जब भाजपा ने उन्हें रोकने की कोशिश की.
Digvijaya Singh, Congress: When we got to know, Jitu Patwari & Jaivardhan Singh went there. People with whom our contact was established were ready to come back to us. We were able to get in touch with Bisahulal Singh & Ramabai. Ramabai came back, even when BJP tried to stop her. https://t.co/WWSXQbdXzB pic.twitter.com/MHL0Rl6mLm
— ANI (@ANI) March 3, 2020
दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया, ‘बीजेपी खुलेआम कांग्रेस पार्टी के विधायकों को 25-35 करोड़ का लालच दे रही है. परसों ही मैंने कहा था कि बीजेपी वाले 5 करोड़ रुपये पहले, फिर 5 करोड़ रुपये राज्यसभा चुनाव में वोटिंग पर और बाकी मध्य प्रदेश में सरकार गिराने पर दे रहे हैं.’ दिग्विजय सिंह ने यह भी दावा किया, ‘इन सबके हमारे पास सबूत भी हैं. मध्य प्रदेश के विधायकों को धोखा देकर होटल में लाया गया था.
Madhya Pradesh Minister and Congress leader Jitu Patwari: Things are under control. We will do a press conference tomorrow. (file pic) https://t.co/WWSXQbdXzB pic.twitter.com/2xFowG4IIt
— ANI (@ANI) March 3, 2020