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सदियों से किसानों का बुरा करने वाली पार्टियां ही आज उनको भड़का रही हैं, MSP सिस्टम लागू रहेगा : मोदी

Kisan Andolan PM Narendra Modi मध्यप्रदेश में नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) किसानों को संबोधित कर रहे हैं. किसान सम्मेलनों में खरीफ 2020 में हुए फसलों के नुकसान की 1600 करोड़ रुपये की राहत राशि राज्य के लगभग 35.50 लाख किसानों के खातों में डाली जायेगी. इस अवसर पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) भी मौजूद हैं. मोदी ने कहा कि मैं देश के व्यापारी जगत, उद्योग जगत से आग्रह करूंगा कि भंडारण की आधुनिक व्यवस्थाएं बनाने में, कोल्ड स्टोरेज बनाने में, फूड प्रोसेसिंग के नये उपक्रम लगाने में अपना योगदान, अपना निवेश और बढ़ाएं. ये सच्चे अर्थ में किसान की सेवा करना होगा, देश की सेवा करना होगा.

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सिर झुकाकर सुनेंगे किसानों की हर बार : PM मोदी

मेरी इस बातों के बाद भी, सरकार के इन प्रयासों के बाद भी, अगर किसी को कोई आशंका है तो हम सिर झुकाकर, हाथ जोड़कर, बहुत ही विनम्रता के साथ, देश के किसान के हित में, उनकी चिंता का निराकरण करने के लिए, हर मुददे पर बात करने के लिए तैयार हैं. मोदी ने कहा कि अभी 25 दिसंबर को, श्रद्धेय अटल जी की जन्मजयंती पर एक बार फिर मैं इस विषय पर और विस्तार से बात करूंगा. उस दिन पीएम किसान सम्मान निधि की एक और किस्त करोड़ों किसानों के बैंक खातों में एक साथ ट्रांसफर की जायेगी.

पिछली सरकारों से ज्यादा हुई अनाजों की खरीदारी : मोदी

मोदी ने कहा कि ये इस बात का सबूत है कि हमारी सरकार MSP समय-समय पर बढ़ाने को कितनी तवज्जो देती है, कितनी गंभीरता से लेती है. MSP बढ़ाने के साथ ही सरकार का जोर इस बात पर भी रहा है कि ज्यादा से ज्यादा अनाज की खरीदारी MSP पर की जाए. पिछली सरकार ने अपने पांच साल में किसानों से लगभग 1700 लाख मिट्रिक टन धान खरीदा था. हमारी सरकार ने अपने पांच साल में 3000 लाख मिट्रिक टन धान किसानों से MSP पर खरीदा है. पिछली सरकार ने अपने पांच साल में करीब पौने चार लाख मिट्रिक टन तिलहन खरीदा था. हमारी सरकार ने अपने पांच साल में 56 लाख मिट्रिक टन से ज्यादा MSP पर खरीदा है. कहां पौने चार लाख और कहां 56 लाख.

पीएम ने बताया कि कैसे सरकार ने एमएसपी बढ़ायी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछली सरकार के समय गेहूं पर MSP थी 1400 रुपये प्रति क्विंटल. हमारी सरकार प्रति क्विंटल गेहूं पर 1975 रुपए MSP दे रही है. पिछली सरकार के समय धान पर MSP 1310 रुपये प्रति क्विंटल थी. हमारी सरकार प्रति क्विंटल धान पर करीब 1870 रुपए MSP दे रही है. पिछली सरकार में ज्वार पर MSP थी 1520 रुपये प्रति क्विंटल. हमारी सरकार ज्वार पर प्रति क्विंटल 2640 रुपये MSP दे रही है. पिछली सरकार के समय मसूर की दाल पर MSP थी 2950 रुपये.

नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी सरकार प्रति क्विंटल मसूर दाल पर 5100 रुपए MSP दे रही है. पिछली सरकार के समय चने पर MSP थी 3100 रुपये. हमारी सरकार अब चने पर प्रति क्विंटल 5100 रुपये MSP दे रही है. पिछली सरकार के समय तूर दाल पर MSP थी 4300 रुपए प्रति क्विंटल. हमारी सरकार तूर दाल पर प्रति क्विंटल 6000 रुपए MSP दे रही है. पिछली सरकार के समय मूंग दाल पर MSP थी 4500 रुपए प्रति क्विंटल. हमारी सरकार मूंग दाल पर करीब 7200 रुपए MSP दे रही है.

MSP को बंद नहीं करेगी केंद्र सरकार, PM मोदी ने किसानों से किया वादा

नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं देश के प्रत्येक किसान को ये विश्वास दिलाता हूं कि पहले जैसे MSP दी जाती थी, वैसे ही दी जाती रहेगी, MSP न बंद होगी, न समाप्त होगी. अगर हमें MSP हटानी ही होती तो स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू ही क्यों करते? दूसरा ये कि हमारी सरकार MSP को लेकर इतनी गंभीर है कि हर बार, बुवाई से पहले MSP की घोषणा करती है. इससे किसान को भी आसानी होती है, उन्हें भी पहले पता चल जाता है कि इस फसल पर इतनी MSP मिलने वाली है.

यूरिया के कहानी याद करें किसान

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि याद करिए, 7-8 साल पहले यूरिया का क्या हाल था? रात-रात भर किसानों को यूरिया के लिए कतारों में खड़े रहना पड़ता था या नहीं? कई स्थानों पर, यूरिया के लिए किसानों पर लाठीचार्ज की खबरें आती थीं या नहीं? यूरिया की जमकर कालाबाजारी होती थी या नहीं. आज यूरिया की किल्लत की खबरें नहीं आतीं, यूरिया के लिए किसानों को लाठी नहीं खानी पड़तीं. हमने किसानों की इस तकलीफ को दूर करने के लिए पूरी ईमानदारी से काम किया. हमने कालाबाजारी रोकी, सख्त कदम उठाए, भ्रष्टाचार पर नकेल कसी. हमने सुनिश्चित किया कि यूरिया किसान के खेत में ही जाए.

पीएम किसान योजना से किसानों को हुआ सीधा फायदा

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने जो पीएम-किसान योजना शुरू की है, उसमें हर साल किसानों को लगभग 75 हजार करोड़ रुपये मिलेंगे. यानि 10 साल में लगभग साढ़े 7 लाख करोड़ रुपये. किसानों के बैंक खातों में सीधे ट्रांसफर. कोई लीकेज नहीं, किसी को कोई कमीशन नहीं.

कर्जमाफी का लाभ केवल विपक्षी दलों के करीबियों को मिला

मोदी ने पूछा कर्जमाफी कितनी होती है? सारे किसान इससे कवर हो जाते है क्या? जो छोटा किसान बैंक नहीं गया, जिसने कर्ज नहीं लिया, उसके बारे में क्या कभी एक बार भी सोचा है इन लोगों ने. जितने पैसे ये भेजने की बात करते रहे हैं, उतने पैसे किसानों तक कभी पहुंचते ही नहीं हैं. किसान सोचता था कि अब तो पूरा कर्ज माफ होगा. और बदले में उसे मिलता था बैंकों का नोटिस और गिरफ्तारी का वारंट. कर्जमाफी का सबसे बड़ा लाभ किसे मिलता था? इन लोगों के करीबियों को.

चुनावों में विपक्षी पार्टियां कर्जमाफी की कोरी बातें करते हैं. मोदी

किसान आंदोलन करते थे, प्रदर्शन करते थे लेकिन इन लोगों के पेट का पानी नहीं हिला. इन लोगों ने ये सुनिश्चित किया कि इनकी सरकार को किसान पर ज्यादा खर्च न करना पड़े. इनके लिए किसान देश की शान नहीं, इन्होंने अपनी राजनीति बढ़ाने के लिए किसान का इस्तेमाल किया है. हर चुनाव से पहले ये लोग कर्जमाफी की बात करते हैं.

हमारी सरकार ने लागू किया स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट : मोदी

मोदी ने कहा कि किसानों की बातें करने वाले लोग कितने निर्दयी हैं इसका बहुत बड़ा सबूत है स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट. रिपोर्ट आई, लेकिन ये लोग स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को आठ साल तक दबाकर बैठे रहे. जबकि किसानों के लिए समर्पित हमारी सरकार किसानों को अन्नदाता मानती है. हमने फाइलों के ढेर में फेंक दी गई स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट बाहर निकाला और उसकी सिफारिशें लागू कीं, किसानों को लागत का डेढ़ गुना MSP दिया.

किसानों को पिछली सरकारों से मांगने चाहिए जवाब

नरेंद्र मोदी ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि सचमुच में तो देश के किसानों को उन लोगों से जवाब मांगना चाहिए जो पहले अपने घोषणापत्रों में इन सुधारों की बात लिखते रहे. किसानों के वोट बटोरते रहे. लेकिन किया कुछ नहीं. सिर्फ इन मांगों को टालते रहे. और देश का किसान, इंतजार ही करता रहा. अगर आज देश के सभी राजनीतिक दलों के पुराने घोषणापत्र देखे जाएं, उनके पुराने बयान सुने जाएं, पहले जो देश की कृषि व्यवस्था संभाल रहे थे उनकी चिट्ठियां देखीं जाएं, तो आज जो कृषि सुधार हुए हैं, वो उनसे अलग नहीं हैं.

रातों रात नहीं आ गया कृषि कानून, काफी रिसर्च हुआ है : मोदी

नरेंद्र मोदी ने कहा कि पहले ही बहुत देर हो चुकी है. जो काम 25-30 साल पहले हो जाने चाहिए थे, वो अब हो रहे हैं. पिछले 6 साल में हमारी सरकार ने किसानों की एक-एक जरूरत को ध्यान में रखते हुए काम किया है. बीते कई दिनों से देश में किसानों के लिए जो नये कानून बने, उनकी बहुत चर्चा है. ये कृषि सुधार कानून रातों-रात नहीं आए. पिछले 20-22 साल से हर सरकार ने इस पर व्यापक चर्चा की है. कम-अधिक सभी संगठनों ने इन पर विमर्श किया है. देश के किसान, किसानों के संगठन, कृषि एक्सपर्ट, कृषि अर्थशास्त्री, कृषि वैज्ञानिक, हमारे यहां के प्रोग्रेसिव किसान भी लगातार कृषि क्षेत्र में सुधार की मांग करते आए हैं.

अब भारत के किसानों को भी मिलेगी आधुनिक सुविधाएं

मोदी ने कहा कि भारत की कृषि, भारत का किसान, अब और पिछड़ेपन में नहीं रह सकता. दुनिया के बड़े-बड़े देशों के किसानों को जो आधुनिक सुविधा उपलब्ध है, वो सुविधा भारत के भी किसानों को मिले, इसमें अब और देर नहीं की जा सकती. तेजी से बदलते हुए वैश्विक परिदृष्य में भारत का किसान, सुविधाओं के अभाव में, आधुनिक तौर तरीकों के अभाव में असहाय होता जाए, ये स्थिति स्वीकार नहीं की जा सकती.

उद्योग जगत से किसानों के सहयोग की अपील

नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं देश के व्यापारी जगत, उद्योग जगत से आग्रह करूंगा कि भंडारण की आधुनिक व्यवस्थाएं बनाने में, कोल्ड स्टोरेज बनाने में, फूड प्रोसेसिंग के नये उपक्रम लगाने में अपना योगदान, अपना निवेश और बढ़ाएं. ये सच्चे अर्थ में किसान की सेवा करना होगा, देश की सेवा करना होगा.

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