सीएम ने कांधा देकर शहीदों को दी अंतिम विदाई
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए भारतीय सेना के जवान दीपक सिंह (30) का मध्यप्रदेश के रीवा जिले में उनके पैतृक गांव फरेंदा में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. उनके बड़े भाई प्रकाश सिंह ने शहीद जवान को नम आंखों से मुखाग्नि दी.
रीवा (मध्यप्रदेश) : पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए भारतीय सेना के जवान दीपक सिंह (30) का मध्यप्रदेश के रीवा जिले में उनके पैतृक गांव फरेंदा में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. उनके बड़े भाई प्रकाश सिंह ने शहीद जवान को नम आंखों से मुखाग्नि दी.
इससे पहले शुक्रवार की सुबह शहीद का शव गांव पहुंचने के बाद उनके पैतृक आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया. इस दौरान मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा सहित क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों, सेना और पुलिस के अधिकारियों तथा सैकड़ों की संख्या में आए ग्रामीणों ने शहीद को श्रध्दांजलि दी. मुख्यमंत्री चौहान एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष शर्मा ने दीपक सिंह के पार्थिव शरीर को कांधा देकर विदाई दी.
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उनके शवयात्रा के दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे जो लगातार ‘दीपक भैया अमर रहे’, ‘जब तक सूरज चांद रहेगा, दीपक तेरा नाम रहेगा’, ‘देश का बेटा कैसा हो, दीपक जैसा हो’ एवं ‘भारत माता की जय’ के नारे लगा रहे थे. इस अवसर पर मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि दीपक जैसे भारत के सपूत के रहते भारत को कोई आँख उठाकर नहीं देख सकता.
पूर्वी लद्दाख में भारतीय सैनिकों ने जिस साहस का परिचय देकर चीन के घुसपैठिए सैनिकों के साथ संघर्ष किया है, उस पर समूचे भारत को गर्व है. चौहान ने मध्यप्रदेश के नागरिकों की ओर से श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि शहीद दीपक सिंह सदैव हमारी यादों में अमर रहेंगे.
भावुक होते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आज यह गाँव धन्य हो गया है, उनको जन्म देने वाले माता-पिता को मैं प्रणाम करता हूँ. उन्होंने कहा कि उनके परिवार के साथ पूरा प्रदेश खड़ा है. चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने तय किया है कि शहीद दीपक सिंह के परिवार को एक करोड़ रुपए की सम्मान निधि, पक्का मकान या प्लॉट तथा उनकी धर्मपत्नी को सरकारी नौकरी दी जाएगी. उन्होंने कहा कि शहीद दीपक सिंह के ग्राम के मार्ग का नामकरण उनके नाम से किया जाएगा. इसके साथ ही ग्राम में दीपक सिंह की प्रतिमा स्थापित की जायेगी.
उनकी स्मृति को चिरस्थायी बनाया जायेगा. मध्यप्रदेश के इस देशभक्त के बलिदान पर प्रदेश का हर नागरिक गर्व का अनुभव कर रहा है. परिजनों को शासन की ओर से आवश्यक सहयोग दिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने प्रारंभ में दीपक सिंह के निवास पहुँचकर उनके पिता गजराज सिंह गहरवार, पत्नी रेखा सिंह, भाई प्रकाश सिंह आदि से भेंट की और उन्हें सांतवना दी. चौहान ने शहीद दीपक सिंह के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित किया. दीपक 2013 में सेना में भर्ती हुए थे. वह बिहार रेजिमेंट में थे. दीपक की 30 नबम्बर 2019 को शादी हुई थी.
पत्नी रेखा सिंह नवोदय स्कूल सिरमौर में पदस्थ हैं. शादी के बाद वह केवल एक बार फरवरी में कुछ दिन के लिए छुट्टी पर आए थे. लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी सेना के साथ हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे. इस हिंसक झड़प में मध्यप्रदेश के रीवा जिले के फरेंदा गांव के दीपक सिंह भी शामिल थे.
Posted by – pankaj kumar pathak