मद्रास उच्च न्यायालय ने शराब की दुकानें खोलने का अनुरोध करने वाली याचिका खारिज की
मद्रास उच्च न्यायालय ने देशभर में लागू लॉकडाउन के दौरान तमिलनाडु में शराब की दुकानों को रोजाना कम से कम 2 घंटे के लिए खोलने का निर्देश राज्य सरकार को देने का अनुरोध करने वाली याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी.
चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय ने देशभर में लागू लॉकडाउन के दौरान तमिलनाडु में शराब की दुकानों को रोजाना कम से कम 2 घंटे के लिए खोलने का निर्देश राज्य सरकार को देने का अनुरोध करने वाली याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी.
अदालत ने कहा कि ऐसा कोई भी कदम कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के राज्य सरकार के सभी प्रयासों को विफल कर देगा. अधिवक्ता एस. स्टालिन राजा की इस याचिका को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति आर. सुबैया और आर. पोंगिअप्पन की विशेष खंड पीठ ने कहा, ‘‘शराब की दुकानें बंद होने से हमें किसी भी नागरिक को प्राप्त मौलिक अधिकार का कोई उल्लंघन होता नहीं दिख रहा है.
पीठ ने कहा कि यह तथ्य कि शराब की लत वाले लोग ‘‘शराब पीने के लिए छटपटा रहे हैं” इस रिट याचिका को स्वीकार करने और रोजाना कुछ घंटे के लिए शराब की दुकानें खोलने का निर्देश राज्य सरकार को देने का आधार नहीं है.
याचिका में कहा गया है कि शराब की दुकानें बंद होने के कारण नशे के आदी लोग (शराबी) मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं और उन्हें बेचैनी हो रही है. उन्होंने शराब नहीं मिलने के कारण इसके नशे के आदी लोगों द्वारा कथित तौर पर आत्महत्या किए जाने की बात भी अदालत के समक्ष रखी. अदालत ने कहा कि उसे इस याचिका में कोई गुणवत्ता नजर नहीं आ रही है.