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एक छात्रा के लिए आधी रात में मद्रास हाईकोर्ट ने की सुनवाई, जानें क्या है पूरा मामला

Madras High Court|NEET| मदुरै क्षेत्र की वी षणमुगप्रिया ने जब अपना प्रवेश पत्र (हॉल टिकट) डाउनलोड किया, तो उसमें अपनी तस्वीर और हस्ताक्षर के स्थान पर एक पुरुष उम्मीदवार की तस्वीर देखकर चौंक गयी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 12, 2021 7:52 PM

चेन्नई: एक छात्रा के लिए मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) ने आधी रात को एक केस की सुनवाई की. मामला राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) से जुड़ा है. मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ ने एक छात्रा के नीट के प्रवेश पत्र में किसी अन्य उम्मीदवार की तस्वीर लगे होने के मामले में विशेष सुनवाई करते हुए उसके बचाव में आयी. उसे इस परीक्षा में बैठने की अनुमति भी दी.

शनिवार को मदुरै क्षेत्र की वी षणमुगप्रिया ने जब अपना प्रवेश पत्र (हॉल टिकट) इंटरनेट से डाउनलोड किया, तो उसमें अपनी तस्वीर और हस्ताक्षर के स्थान पर एक पुरुष उम्मीदवार की तस्वीर देखकर चौंक गयी, जबकि अन्य सभी प्रविष्टियां सही थीं. मदद के लिए अधिकारियों से संपर्क करने की उसकी सारी कोशिशें नाकाम हो गयीं.

चूंकि उसे परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाती, इसलिए उसके पिता ने शनिवार शाम एक याचिका के साथ उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ का रुख किया. मामले की गंभीरता को देखते हुए न्यायमूर्ति सुरेश कुमार ने रात करीब नौ बजे विशेष सुनवाई में इस पर विचार किया. आधी रात तक अदालत में बहस चलती रही. देर रात करीब एक बजे न्यायाधीश ने अंतरिम आदेश जारी किया और अधिकारियों को छात्रा को परीक्षा में बैठने की अनुमति देने का निर्देश दिया.

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अदालत ने मदुरै के एक कॉलेज के परीक्षा केंद्र के पर्यवेक्षकों और प्रभारी अधिकारियों सहित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे याचिकाकर्ता की बेटी षणमुगप्रिया को बिना किसी आपत्ति के रविवार को नीट स्नातक (यूजी), 2021 की परीक्षा में बैठने की अनुमति दें, क्योंकि प्रवेश पत्र में उसकी तस्वीर और हस्ताक्षर के स्थान पर गलती से एम एलेक्सपांडियन नाम के उम्मीदवार की तस्वीर और हस्ताक्षर दिख रहे थे.

अदालत ने कहा, हालांकि षणमुगप्रिया को उम्मीदवारों के लिए निर्धारित अन्य सभी आवश्यक निर्देशों का पालन करना होगा. न्यायाधीश ने कहा कि प्रतिवादी अधिकारी इस आदेश को अमल में लायेंगे और वे मुख्य रिट याचिका में जल्द से जल्द कोई आपत्ति या जवाब दाखिल करने के लिए स्वतंत्र हैं और इसके लिए दो सप्ताह का समय दिया जाता है.

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Posted By: Mithilesh Jha

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