Maha kumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित होने वाला महाकुंभ 2025 आध्यात्मिकता और नवीनता का अनूठा संगम होगा. इसमें अत्याधुनिक डिजिटल प्रगति के साथ सनातन धर्म की पवित्र परंपराएं दिखेगी. महाकुंभ में आने वाले लोगों किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े इसके लिए आधुनिक तकनीक को अपनाया जा रहा है. उच्च तकनीक सुरक्षा उपायों से लेकर डिजिटल भूमि आवंटन और वर्चुअल रियलिटी के साथ भक्तों को देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं को नये तरीके से देखने का मौका मिलेगा.
महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए विशेष साइबर सुरक्षा व्यवस्था मौजूद रहेगी. इसके लिए साइबर गश्त के लिए 56 समर्पित साइबर योद्धाओं और विशेषज्ञों की तैनाती की गयी है. धोखाधड़ी वाली वेबसाइटों, सोशल मीडिया घोटालों और फर्जी लिंक जैसे साइबर खतरों से निपटने के लिए महाकुंभ साइबर पुलिस स्टेशन की स्थापना की गयी है. साइबर खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मेला क्षेत्र में 40 वेरिएबल मैसेजिंग डिस्प्ले (वीएमडी) स्थापित किए जायेंगे.
सभी तरह की जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर
महाकुंभ लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. ऐसे में श्रद्धालुओं को सभी तरह की जानकारी देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रिंट, डिजिटल और सोशल मीडिया समेत हर प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने का फैसला किया है. श्रद्धालु किसी तरह की जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर 1920 से जानकारी हासिल कर सकते हैं. साइबर विशेषज्ञ ऑनलाइन खतरों पर सक्रिय रूप से नजर रख रहे हैं और एआई, फेसबुक, एक्स और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म का फायदा उठाने वाले गिरोहों की जांच कर रहे हैं. बड़े पैमाने पर जन जागरूकता अभियान के लिए मोबाइल साइबर टीम भी तैनात की गयी है. विशेषज्ञों की टीम ने करीब 50 संदिग्ध वेबसाइटों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की है.
तकनीक का हो रहा है प्रयोग
कुंभ 2019 से प्रेरित होकर तीर्थयात्रियों को 360 डिग्री वर्चुअल रियलिटी स्टॉल अनुभव करने के लिए कुंभ मेला क्षेत्र में प्रमुख स्थानों पर दस स्टॉल लगाए गए हैं. इन स्टालों पर प्रमुख आयोजन जैसे पेशवाई (अखाड़ों का भव्य जुलूस), शाही स्नान, गंगा आरती और आस्था तथा सद्भाव के इस भव्य उत्सव की कई विशेष फुटेज दिखाई जाएगी. सरकारी, सामाजिक और धार्मिक संगठनों सहित 10 हजार से अधिक संस्थाओं के रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण किया गया है. गूगल मैप्स पर सहज नेविगेशन के लिए आम लोगों की सुविधा के लिए जीआईएस आधारित मानचित्र उपलब्ध हैं.
इनमें आपातकालीन सेवाएं, पुलिस स्टेशन, चौकियां, कमांड और कंट्रोल सेंटर, अस्पताल, पार्किंग क्षेत्र, फूड कोर्ट, वेंडिंग जोन, शौचालय, पंटून पुल, सड़कें आदि शामिल हैं. सुरक्षा के लिए बड़े पैमाने पर रिमोट-नियंत्रित लाइफ बॉय की तैनाती की गयी है. यह उपकरण पानी में किसी भी स्थान पर तेज़ी से पहुंच सकते हैं और आपातकालीन स्थिति में लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा सकते हैं. अंडरवाटर ड्रोन पानी के नीचे चौबीसों घंटे निगरानी होगी.
ये ड्रोन उन्नत तकनीक से लैस हैं इसलिए लक्ष्यों की सटीक ट्रैकिंग सुनिश्चित करते हुए कम रोशनी में भी प्रभावी ढंग से काम कर सकते हैं. अत्याधुनिक अंडरवाटर ड्रोन 100 मीटर तक गोता लगा सकता है और इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को रियल टाइम गतिविधि रिपोर्ट भेज सकता है. इसे दूर से संचालित किया जा सकता है और यह पानी के नीचे किसी भी संदिग्ध गतिविधि या घटना के बारे में सटीक जानकारी देता है, जिससे तत्काल कार्रवाई की जा सकती है.
हर तरह की मिलेगी सुविधा
दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम में एआई-संचालित कैमरे लगाए गए हैं, साथ ही निगरानी बढ़ाने के लिए ड्रोन, एंटी-ड्रोन और टेथर्ड ड्रोन को रणनीतिक रूप से तैनात किया गया है. पहली बार राज्य पुलिस विभाग के सहयोग से हाई-टेक खोया-पाया पंजीकरण केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं. इन केंद्रों का मकसद खोए हुए तीर्थयात्रियों को उनके परिवारों से मिलाना है. इसके लिए फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सार्वजनिक घोषणाएं और अपडेट दी जायेगी.
महाकुंभ ग्राम में ठहरने के लिए ऑनलाइन बुकिंग 10 जनवरी से 28 फरवरी तक खुली रहेगी. आईआरसीटीसी की वेबसाइट के माध्यम से आसानी से आरक्षण किया जा सकता है. अतिरिक्त जानकारी आईआरसीटीसी और पर्यटन विभाग की वेबसाइट और महाकुंभ मोबाइल एप्लीकेशन पर उपलब्ध है.आईआरसीटीसी के व्यापारिक साझेदारों मेक माई ट्रिप और गो आईबीबो से भी बुकिंग की जा सकती है. मेहमानों की सुरक्षा और आराम के लिए, टेंट सिटी में प्राथमिक चिकित्सा सेवा उपलब्ध रहेगी और सीसीटीवी कैमरों से लगातार निगरानी की जाएगी.