Maha Kumbh: आधुनिकता के साथ सांस्कृतिक विरासत की दिखेगी झलक

महाकुंभ स्वच्छ, स्वस्थ, सुरक्षित एवं डिजिटल महाकुंभ है. मेला को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त महाकुंभ का संकल्प लिया गया है. इसके लिए मेला क्षेत्र में विभिन्न दोना-पत्तल विक्रेताओं की दुकानों का आवंटन, 400 स्कूल के प्रधानाचार्य के साथ स्वच्छता पर बैठक, चार लाख बच्चों और प्रयागराज की जनसंख्या के 5 गुना नागरिकों तक स्वच्छ महाकुंभ की पहल को पहुंचाया जा रहा है.

By Vinay Tiwari | December 30, 2024 7:40 PM
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Maha Kumbh: महाकुंभ-2025 को भारतीय संस्कृति और एकता का वैश्विक प्रतीक बनाने की तैयारी जोरों पर है. इसे दिव्य और भव्य बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार हर संभव कोशिश कर रही है. सोमवार को महाकुंभ को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने दिल्ली में एक भव्य रोड शो किया. उन्होंने कहा कि महाकुंभ का आयोजन भारत की विविधता में एकता का अद्वितीय उत्सव है. दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, मुख्यमंत्री आतिशी और दिल्ली की जनता को प्रयागराज महाकुंभ-2025 में आने का निमंत्रण दिया. उन्होंने कहा कि यह सरकार महाकुंभ में अंतरराष्ट्रीय सहभागिता और अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ इसे ऐतिहासिक बनाने का काम कर रही है.

महाकुंभ भारत की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक चेतना का स्पंदन है. ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत-समावेशी भारत’ की दिव्य और जीवंत झांकी है. ऐसे कई लोग होंगे जिन्हें प्रयागराज कुंभ-2019 का ‘दिव्य एवं भव्य’ अनुभव होगा. साथ ही इसके कुशल प्रबंधन की पूरी दुनिया ने सराहना की थी. इस बार का महाकुंभ पिछले कुंभ से और अधिक दिव्य एवं भव्य होगा और इसमें 45 करोड़ तीर्थयात्रियों, साधु, संतों, कल्पवासियों एवं पर्यटकों के आने की संभावना है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक मां गंगा, यमुना और सरस्वती के पावन संगम तट पर प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन हो रहा है. यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर महाकुंभ 12 वर्ष के अंतराल पर एक बार फिर प्रयाग की पुण्य धरा पर आयोजित हो रहा है.


स्वच्छ, स्वस्थ, सुरक्षित एवं हरित होगा महाकुंभ


सुरेश खन्ना ने कहा कि महाकुंभ स्वच्छ, स्वस्थ, सुरक्षित एवं डिजिटल महाकुंभ है. मेला को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त महाकुंभ का संकल्प लिया गया है. इसके लिए  मेला क्षेत्र में विभिन्न दोना-पत्तल विक्रेताओं की दुकानों का आवंटन, 400 स्कूल के प्रधानाचार्य के साथ स्वच्छता पर बैठक, चार लाख बच्चों और प्रयागराज की जनसंख्या के 5 गुना नागरिकों तक स्वच्छ महाकुंभ की पहल को पहुंचाया जा रहा है. हर घर दस्तक अभियान के अंतर्गत सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त का संदेश दिया जा रहा है. महाकुंभ- 2025 को हरियाली युक्त बनाने के लिए क्लीन के साथ-साथ ग्रीन कुंभ पर विशेष ध्यान दिया गया है.

पूरे प्रयागराज में करीब तीन लाख पौधों का रोपण भी किया गया है और मेला खत्म होने के बाद पौधों को संरक्षण उत्तर प्रदेश सरकार करेगी. इसके अलावा कुभ आने वाले तीर्थयात्रियों, साधु, संतों, कल्पवासियों और पर्यटकों के स्वास्थ्य देखभाल की भी व्यवस्था की गयी है. विशेषज्ञ चिकित्सकों की बड़े पैमाने पर तैनात किया गया है. परेड ग्राउंड में 100 बेड का अस्पताल बनाया गया है. 20 बेड के दो और 8 बेड के छोटे अस्पताल भी तैयार किए गए हैं.

मेला क्षेत्र और अरैल में 10-10 बेड के दो आईसीयू, आर्मी हॉस्पिटल की ओर से बनाए गए हैं. इन अस्पतालों में 24 घंटे डॉक्टरों की तैनाती रहेगी. अस्पतालों में पुरुष, महिला और बच्चा वार्ड अलग-अलग तैयार किए गए हैं. डिलीवरी रूम, इमरजेंसी वार्ड और डॉक्टर रूम भी रहेंगे.


डिजिटल महाकुंभ का भी अनुभव करेंगे श्रद्धालु


महाकुंभ की वेबसाइट, ऐप 11 भाषाओं में एआई चैट बॉट, लोगों एवं वाहनों के लिए क्यूआर आधारित पास, बहुभाषीय डिजिटल खोया-पाया केंद्र, स्वच्छता एवं टेंटों की आईसीटी निगरानी, भूमि और सुविधा आवंटन के लिए सॉफ्टवेयर, बहुभाषीय डिजिटल साइनेज वीएमडी, स्वचालित राशन आपूर्ति प्रणाली, ड्रोन आधारित निगरानी एवं आपदा प्रबंधन, 530 परियोजनाओं की निगरानी का लाइव सॉफ्टवेयर, इन्वेंटरी ट्रैकिंग सिस्टम और सभी स्थलों का गूगल मैप पर एकीकरण किया गया है. 

पर्यटकों की पार्किंग के 101 स्मार्ट पार्किंग बनाए गए हैं, जिनमें रोजाना पांच लाख वाहन पार्क किए जा सकेंगे। 1867.04 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैला पार्किंग स्थल 2019 के 1103.29 हेक्टेयर की तुलना में 763.75 हेक्टेयर बड़ा है. इन पार्किंग स्थल की निगरानी इंट्रीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर के जरिये की जायेगी. महाकुंभ नगरी में 35 पुराने और 9 नए पक्के घाट बनाए गए हैं. 12 किलोमीटर क्षेत्र में फैले सभी 44 घाटों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की जाएगी. मुंबई की मरीन ड्राइव की तर्ज पर गंगा किनारे लगभग 15.25 किलोमीटर क्षेत्र में संगम से नागवासुकी मंदिर तक, सूरदास से छतनाग तक, कर्जन ब्रिज के समीप से महावीर पुरी तक रिवर फ्रंट का निर्माण कराया गया है.

इसके अलावा इंट्रीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर को अपग्रेड किया गया है ताकि भीड़ प्रबंधन में सहायता मिलेगी. सीसीटीवी कैमरों को देखने के लिए 52 सीटर चार व्यूइिंग सेंटर स्थापित किए गए हैं.

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