महाकुंभ को लेकर तैयारियां शुरू हो गयी है. केंद्र सरकार ने इसे लेकर गाइडलाइन जारी कर दिया है अब राज्य सरकार भी जरूरी दिशा निर्देश पर जल्द जारी करेगी. राज्य सरकार इसके लिए रणनीति बना रही है. बाहर साल बाद आयोजित होने वाला महाकुंभ इस बार माघ पुर्णिमा की 27 फरवरी से शुरू हो रहा है यह महाकुंश 27 अप्रैल तक चलेगा.
कोरोना संक्रमण की वजह से यह आयोजन एक बड़ी चुनौती है. 22 जनवरी को इस संबंध में केंद्र सरकार ने गाइडलाइन जारी किया है. यह आयोजन सिर्फ धार्मिक लिहाज से ही नहीं ज्यादा से ज्यादा लोगों के शामिल होने के लिहाज से भी खास है . सरकार इस बात का विशेष ध्यान रख रही है कि आयोजन की वजह से कोरोना संक्रमण का फैलाव ना हो.
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केंद्र सरकार ने इसके लिए रणनीति तैयार कर ली है अब राज्य सरकार भी अलग रणनीति तैयार कर रही है. इन नियमों के तहत कोई भी श्रद्धालु बिना रजिस्ट्रेशन बिना कोविड की आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट को महाकुंभ में नहीं आ सकेगा.
सचिव शहरी विकास शैलेस बगोली का कहना है कि इस संबंध में मुख्य सचिव और सीएम स्तर पर दो दौर की मीटिंग हो चुकी है. इस मेले में सोशल डिस्टेसिंग को लेकर भी ध्यान रखा जाये इसे लेकर भी रणनीति बनायी जा रही है. यह भी तय होना है कि एक दिन में कितने श्रद्धालुओं को प्रवेश मिलेगा.
इस मेले में कम से कम लोग ही शामिल हो सकेंगे इसके लिए भी रणनीति तैयार की जा रही है. केंद्र और राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि मेले में शामिल होने वालों को नियमों का पालन करना होगा. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कह चुके हैं कि हरिद्वार को वुहान या मरकज नहीं बनने देंगे. इस मेले में 10 साल से कम उम्र के बच्चे और 65 साल से अधिक के बुजुर्ग शामिल नहीं होंगे.
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राज्य सरकार दो से तीन दिनों के अंदर एसओपी जारी करेगी . महाकुंभ के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए भी अपील की गयी है. केवल कुंभ के यात्रियों के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने की मांग की गयी है. कैबिनेट की मीटिंग के बाद राज्य सरकार इस पर फैसला लेगी