Mahakumbh 2025:प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ में संस्कृति और आध्यात्मिक अनुभव के साथ पर्यावरण संरक्षण पर विशेष फोकस किया जा रहा है. पहली बार महाकुंभ में 31 जनवरी को ग्रीन महाकुंभ का आयोजन होगा, जिसमें देश के एक हजार से अधिक पर्यावरणविद् और पानी संरक्षण के क्षेत्र में काम करने के वाले सामाजिक संगठन के लोग जुटेंगे. इसका आयोजन शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास करेगा, जिसके मुख्य संरक्षक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं.
ग्रीन महाकुंभ में प्रकृति, पर्यावरण, पानी और स्वच्छता पर व्यापक विचार-विमर्श होगा. विशेषज्ञ विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाने के पहलू पर अपनी बात करेंगे. साथ ही महाकुंभ में आने वाले तीर्थयात्रियों में पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता को लेकर जागरुकता फैलाने के उपायों पर विचार किया जायेगा. सरकार का मानना है कि महाकुंभ में 45 करोड़ से अधिक तीर्थयात्रियों के आने की संभावना है. ऐसे में पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता को लेकर सकारात्मक संदेश का देशव्यापी असर हो सकता है.
स्वच्छ महाकुंभ बनाने को लेकर हाे रही है तैयारी
महाकुंभ को स्वच्छ बनाने के लिए सरकारी एजेंसियां, स्थानीय नागरिक, सार्वजनिक प्रतिनिधि इस ऐतिहासिक आयोजन को सफल बनाने के लिए काम कर रही हैं. इस कड़ी में मंगलवार को महाकुंभ में स्वच्छता रथ यात्रा को शुरू किया गया. इसका मकसद मेले के दौरान स्वच्छता को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाना है ताकि सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा मिल सके. महाकुंभ का रास्ता शहर से होकर गुजरता है, ऐसे में तीर्थयात्रियों की पवित्रता को ध्यान में रखते हुए स्वच्छता काे विशेष महत्व दिया गया है.
इस दौरान प्रयागराज के मेयर उमेश चंद्र गणेश केसरवानी ने स्वच्छता अभियान को जन जागरण यात्रा करार दिया. प्रयागराज के नागरिकों से महाकुंभ के दौरान डस्टबिन का प्रयोग करने, प्लास्टिक का उपयोग करने से बचने को कहा गया. इसके लिए स्ट्रीट प्ले का आयोजन किया गया. साथ ही स्वच्छता को लेकर आम लोगों को जागरूक करने के लिए म्यूजिक बैंड का भी आयोजन किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में सफाई कर्मचारी, नगर निगम के कर्मचारी और आम लोग शिरकत कर रहे हैं. आयोजन का मकसद महाकुंभ को पर्यावरण संरक्षण के लिए एक मिसाल के तौर पर पेश करना है.