Mahakumbh Mela 2025 : हरिश्चंद्र विश्वकर्मा कबीरा नाम के बाबा इस बार महाकुंभ में शामिल हुए हैं. जिन्हें चाबी वाले बाबा के नाम से भी जाना जाता है. वो अपने साथ 20 किलो की चाबी लेकर चलते हैं. उन्होंने उस चाबी को ‘राम नाम की चाबी’ बताया है. हरिश्चंद्र विश्वकर्मा उत्तर प्रदेश के रायबरेली के रहने वाले हैं और महाकुंभ मेले में शामिल होने प्रयागराज आए हैं. न्यूज एजेंसी ANI के साथ बातचीत में बताया, उन्होंने 16 साल की उम्र में ही घर का त्याग कर दिया था. उन्होंने कहा, मैंने समाज में फैली बुराइयों और नफरत से लड़ने का फैसला किया और घर छोड़ दिया. “मैंने बहुत सारी पदयात्राएं की हैं और अपने जीवन में बहुत सारी कठिनाइयां झेली हैं, लेकिन मैं आगे बढ़ता रहा. भगवान राम के आशीर्वाद से मैं यहां प्रयागराज में हूं. यह ‘राम नाम की चाबी’ है. राम मुक्तिदाता हैं. मैं चाबी लेकर यहां आया हूं.”
चाबी से लोगों को तोड़ते हैं अहंकार: चाबी वाले बाबा
कबीरा बाबा चाभी वाले बाबा ने कहा- उनके पास एक चाबी है, इस चाबी के जरिए वे लोगों का अहंकार तोड़ते हैं और उन्हें आध्यात्म का रास्ता दिखाते हैं. उन्होंने कहा, “जब मैं अयोध्या में था, तो मैंने लता मंगेशकर चौक पर चाभी बनाई थी. चाबी ही हर समस्या का समाधान है.”
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32 साल से स्नान नहीं किए हैं गंगापुरी महाराज
इस बार के महाकुंभ में एक और बाबा की चर्चा सबसे अधिक हो रही है, जो पिछले 32 साल से स्नान नहीं किए हैं. उनका नाम गंगापुरी महाराज है. उन्हें छोटू बाबा के नाम से भी जाना जाता है. वो असम के कामाख्या पीठ से प्रयागराज पहुंचे हैं.
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