Mahakumbh Mela : महाकुंभ के दूसरे स्नान पर्व मकर संक्रांति पर 14 जनवरी को सुबह से अखाड़ों के साधु संतों का अमृत स्नान जारी है. सुबह दस बजे तक एक करोड़ 38 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में आस्था की डुबकी लगाई. प्रयागराज संगम तट पर उमड़ी भीड़ में सामाजिक एकता के साथ ही राष्ट्रीय एकता का संदेश देने वाली आवाजें भी सुनाई दी. एक ओर जहां अमृत स्नान के लिए निकलने वाले अखाड़ों के साथ चल रहे श्रद्धालु जगह-जगह पर भारत माता की जय और वंदे मातरम का नारा लगाते दिखे. वहीं दूसरी ओर, स्नान करने के लिए आए श्रद्धालुओं का जत्था हाथों में तिरंगा थामे राष्ट्रीय एकता का संदेश देता नजर आया.
राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत दिख रहे श्रद्धालु
झारखंड से मकर संक्रांति स्नान पर्व पर स्नान करने महाकुंभ प्रयागराज मनोज कुमार श्रीवास्तव पहुंचे. वे अपने जत्थे के साथ हाथों में तिरंगा थामे और भारत माता की जय, वंदे मातरम के नारे लगाते संगम की ओर बढ़ते दिखे. उनके जत्थे में मौजूद सभी सदस्य उनके साथ भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगाते नजर आए. मनोज के साथ स्नान करने महाकुंभ मेले में पहुंचा 55 लोगों का जत्था काफी उत्साहित दिखाई दिया.
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साफ सफाई से प्रभावित हो रहे हैं श्रद्धालु
मनोज कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि महाकुंभ पर्व हमारी सामाजिक और सांस्कृतिक परंपरा का प्रतीक है. इस अवसर पर वे हाथों में राष्ट्रीय ध्वज थामकर और राष्ट्र प्रेम के नारे लगाकर राष्ट्रीय एकता का मैसेज दे रहे हैं. उन्होंने इस मौके पर महाकुम्भ मेले में स्नान के दौरान साफ-सफाई और अन्य व्यवस्थाओं की तारीफ की. उनके साथ आए श्रद्धालुओं ने भी कुंभ स्नान के लिए की गई व्यवस्थाओं की तारीफ की.