मुंबई : महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) ने रविवार को मनसुख हिरेन की कथित हत्या के मामले में एक पुलिसकर्मी और एक सट्टेबाज को गिरफ्तार किया है. दोनों आरोपितों को ठाणे की एटीएस अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 30 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. मालूम हो कि देश के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास एंटीलिया के बाहर जिलेटिन से लदी स्कॉर्पियो बरामद की गयी थी. स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन घटना के कुछ दिन बाद मृत मिले थे. हालांकि, उन्होंने स्कॉर्पियो की बरामदगी के पहले चोरी की रिपोर्ट लिखवायी थी.
महाराष्ट्र ATS के डीआईजी शिवदीप लांडे ने कहा है कि मनसुख हिरेन की मौत का मामला सुलझ गया है. मुंबई पुलिस के निलंबित सिपाही विनायक शिंदे और सटोरिए नरेश धारे को गिरफ्तार कर लिया गया है. गिरफ्तार किये गये लोगों की पहचान 55 वर्षीय विनायक शिंदे और 31 वर्षीय सट्टेबाज नरेश रमणिकलाल धारे के रूप में की गयी है. बताया जाता है कि साल 2007 में छोटा राजन के सहयोगी रामलखन भैया के साथ हुए फर्जी मुठभेड़ में विनायक शिंदे को दोषी ठहराया गया था. वह पिछले साल ही जेल से बाहर आये थे.
Mansukh Hiren's death case has been solved: DIG Maharashtra ATS Shivdeep Lande.
Suspended Mumbai Police constable Vinayak Shinde and Naresh Dhare, a bookie were arrested in connection with the death earlier today.
— ANI (@ANI) March 21, 2021
मालूम हो कि मई 2020 में पैरोल पर आये शिंदे ने मुंबई पुलिस के सहायक पुलिस अधिकारी सचिन वाझे के साथ रिटायर्ड एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा की अगुवाई वाली टीम में काम किया था. एटीएस को आशंका है कि विस्फोटकों से भरी स्कॉर्पियो को एंटीलिया के बाहर रखे जाने की साजिश में मनसुख की इच्छा नहीं होने के कारण हत्या में पुलिसकर्मी शामिल हो सकता है.
सचिन वाझे पर आरोप है कि उन्होंने ही हत्या का आदेश दिया था. वर्तमान में सचिन वाझे राष्ट्रीय जांच एजेन्सी (एनआईए) की हिरासत में है. एनआईए ही विस्फोटकों से भरी स्कॉर्पियो की बरामदगी मामले की जांच कर रहा है. मालूम हो कि विस्फोटकों से भरी स्कॉर्पियो 25 फरवरी को मुकेश अंबानी के आवास एंटीलिया के बाहर मिली थी. इसके बाद पांच मार्च को स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन का शव ठाणे के एक नाले में मिला था.
एटीएस प्रमुख जयजीत सिंह के मुताबिक, सट्टेबाज नरेश रमणिकलाल गोरे ने पांच सिम कार्ड खरीदे थे और विनायक शिंदे को दिया था, जो पैरोल पर रिहाई के बाद सचिव वाझे के संपर्क में थे. अधिकारी के मुताबिक, जल्द ही और भी संदिग्ध पुलिस की गिरफ्त में होंगे. उन्होंने बताया कि दोनों आरोपितों ने अपनी भूमिका स्वीकार कर ली है. साथ ही सचिन वाझे की भूमिका को भी उजागर किया है.
अधिकारी के मुताबिक, सचिन वाझे ने मनसुख को विस्फोटक लगाने की जिम्मेदारी लेने के लिए कहा था, लेकिन उसने मना कर दिया. आतंकी मामले को गढ़ने के पीछे सचिन वाझे की मंशा थी कि ऐसा करने पर वह मामले का उद्भेदन कर देगा और एक सुपर कॉप बन जायेगा. प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि सचिन वाझे ने मनसुख को खत्म करवाया, क्यों कि उसे डर था कि दबाव में आकर वह योजना का खुलासा कर सकता है.
सूत्रों के मुताबिक, सचिन वाझे मनसुख की हत्या में खुद शामिल नहीं था, लेकिन वह हत्यारों और कुछ पुलिसकर्मियों के साथ समन्वय कर रहा था. मामले में ठाणे के कुछ और लोगों के साथ-साथ मामले में शामिल पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया जा सकता है.