हिंदुत्व कोई कंपनी नहीं है, जिसे शिवसेना ने छोड़ दिया है बल्कि ऐसी चीज है जो दिल से आती है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने उपरोक्त बातें शिवसेना के 55वें स्थापना दिवस के समारोह में कही उन्होंने आगे कहा, देश ‘सामाजिक अशांति’ की ओर बढ़ रहा है . राजनीतिक दलों को यह तय करना चाहिए कि वे ताकत के लिए सत्ता चाहते हैं या आर्थिक मुद्दों को सुलझाने के लिए.
भारतीय जनता पार्टी शिवसेना पर आरोप लगाती है कि महाराष्ट्र में एनसीपी औऱ कांग्रेस की अलग विचारधारा है. कुछ लोग कहते हैं कि हम भी देखेंगे कि यह सरकार कबतक चलती है लेकिन इस वक्त हम गरीबों के लिए काम कर रहे हैं.
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उद्धव ठाकरे ने कहा, इस वक्त राजनीतिक पार्टियों को तय कर लेना चाहिए कि वो राजनीतिक करेंगी या अर्थव्यस्था को मजबूत करने के लिए कोई रास्ता निकालेगी. इस वक्त देश के समक्ष अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य के दो प्रमुख मुद्दे हैं. अब समय आ गया है कि सभी राजनीतिक दल यह तय करें कि वे सत्ता के लिए राजनीतिक सफलता चाहते हैं या आर्थिक मोर्चे पर समाधान खोजने के लिए.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा, सामाजिक अशांति इसका वर्णन करने के लिए कठोर शब्द ही होगा लेकिन देश निश्चिंत तौर पर इस दिशा में बढ़ रहा है. सभी राजनीतिक पार्टियों को इस दिशा में कदम उठाना चाहिए.
उन्होंने कहा, यह बिल्कुल सही समय है जब हमें तय करना चाहिए, वह समय आ गया है जब हमें यह सोचना चाहिए कि हम राजनीति में क्यों आये हैं ? हम लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए राजनीतिक ताकत चाहते हैं, अगर हम आर्थिक और स्वास्थ्य चुनौतियों को स्वीकार नहीं करते और सिर्फ एक दूसरे पर आरोप लगाते हैं तो हमारा संकट खत्म नहीं होगा हम और संकट में पड़ेंगे.
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महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन को लेकर विपक्ष सवाल खड़ा करता रहा है. इनकी विचारधारा को लेकर हमलावर रहा है. ऐसे में उद्धव ठाकरे ने इस मंच से विरोधयों को जवाब देने की कोशिश की है साथ ही सभी राजनीतिक पार्टियों को ऐसे संक्रमण काल में एक दूसरे पर हमला करने के बजाय देशहित में साथ मिलकर काम करने का संदेश भी दे दिया है.