Maharashtra Cabinet Expansion: महाराष्ट्र के नए मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने से कुछ विधायकों के नाराज होने की खबर आई. इसके बाद उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि शपथ लेने वाले कुछ मंत्रियों का कार्यकाल ढाई साल का होगा. वहीं, शेष कार्यकाल के लिए अन्य को मौका दिया जाएगा. बीजेपी के के नेतृत्व वाली महायुति गठबंधन सरकार के 10 दिन पुराने मंत्रिमंडल का रविवार को नागपुर में पहला विस्तार हुआ. इसमें 39 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई, जिससे मंत्रिमंडल में सदस्यों की संख्या 42 हो गई.
मंत्रिमंडल विस्तार में बीजेपी को 19 मंत्री पद मिले, एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना को 11 जबकि अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को 9 मंत्री पद मिले. मंत्रिमंडल से बाहर रखे गए प्रमुख नेताओं में एनसीपी के छगन भुजबल, दिलीप वाल्से पाटिल और बीजेपी के सुधीर मुनगंटीवार शामिल हैं. 33 विधायकों को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई, जबकि 6 ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली.
अजित पवार ने निकाला समस्या का हल
महाराष्ट्र में मंत्रिपरिषद में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 43 सदस्य हो सकते हैं. उपमुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार ने रविवार को मंत्रिमंडल विस्तार से कुछ घंटे पहले नागपुर में अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. उन्होंने कहा, ”हम ढाई साल के लिए दूसरों को भी मौका देंगे.” पवार ने कहा कि हर कोई मंत्री बनना चाहता है और वह का हकदार भी है, लेकिन मंत्री पद सीमित हैं.
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मंत्रिमंडल विस्तार के बाद कुछ विधायक हुए नाराज
महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद कुछ विधायक नाराज हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें मंत्री पद के लिए नहीं चुना गया. महायुति मंत्रिमंडल विस्तार में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) मंत्री पद हासिल नहीं कर सकी. केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि पार्टी को कम से कम एक मंत्रालय आवंटित करने का वादा किया गया था.
चुनाव परिणाम के 13 दिन बाद चुना गया सीएम
महाराष्ट्र में चुनाव के परिणाम आने के 13 दिन बाद देवेंद्र फडणवीस को सीएम के तौर पर चुना गया. उनके साथ एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने डिप्टी सीएम के तौर पर शपथ ली.