मुंबई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को विधान परिषद के सदस्य के तौर पर शपथ ली. दक्षिण मुंबई स्थित विधान भवन में महाराष्ट्र विधानपरिषद के अध्यक्ष रामराजे निम्बाल्कर ने ठाकरे और 14 मई को निर्विरोध चुने गए अन्य आठ लोगों को शपथ दिलाई.
उद्धव ठाकरे के अलावा विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोरे (शिवसेना), भाजपा के रणजीत सिंह मोहिते पाटिल, गोपीचंद पाडलकर, प्रवीण दटके और रमेश कराड, राकांपा के शशिकांत शिंदे और अमोल मितकरी तथा कांग्रेस के राजेश राठौड़ ने शपथ ली. ये नौ सीटें 24 अप्रैल को खाली हुई थीं.
शिवसेना अध्यक्ष इस चुनाव के साथ पहली बार विधायक बने हैं, उन्होंने पिछले साल 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और उनके लिए 27 मई से पहले विधानमंडल के दोनों सदनों में से किसी एक का सदस्य बनना जरूरी था. ठाकरे के बेटे आदित्य भी विधानसभा के सदस्य हैं और तीन पार्टी की गठबंधन सरकार में मंत्री भी हैं.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और सत्तारूढ़ एवं विपक्षी दलों के आठ अन्य उम्मीदवारों को बृहस्पतिवार को राज्य विधान परिषद के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया था. नौ सदस्यों का कार्यकाल पूरा होने के बाद खाली हुई सीटों को भरने के लिए चार मई को चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई थी. शुरुआत में कोरोना वायरस महामारी के कारण चुनाव प्रक्रिया स्थगित कर दी गयी थी.
प्रदेश के राज्यपाल बी एस कोश्यारी ने हाल ही में चुनाव आयोग को पत्र लिखकर विधान परिषद के चुनाव कराने का अनुरोध किया था ताकि ठाकरे मुख्यमंत्री बनने के छह महीने के अंदर विधायिका में निर्वाचित होने के संवैधानिक प्रावधान को पूरा कर सकें. नौ सीटों के लिए 14 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किये थे.
इनमें से कागजों की छानबीन के दौरान एक उम्मीदवार का पर्चा खारज हो गया, वहीं भाजपा के अजीत गोपचडे तथा संदीप लेले, राकांपा के किरण पावस्कर और शिवाजीराव गर्जे ने 12 मई को नामांकन वापस ले लिया. इसके बाद नौ ही उम्मीदवार मैदान में बचे जिनमें शिवसेना से उद्धव ठाकरे और नीलम गोरे, भाजपा से रणजीत सिंह मोहिते पाटिल, गोपीचंद पाडलकर, अजीत दटके और रमेश कराड, राकांपा के शशिकांत शिंदे और अमोल मितकरी तथा कांग्रेस के राजेश राठौड़ निर्विरोध निर्वाचित हुए.
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