राहुल गांधी को अयोग्य ठहराए जाने की महाराष्ट्र कांग्रेस ने की निंदा, पारित किया यह प्रस्ताव

Congress Maharashtra: केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को सूरत की एक कोर्ट के तरफ से वर्ष 2019 के मानहानि के एक मामले में सजा सुनाये जाने के मद्देनजर पिछले दिनों लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहरा दिया गया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 10, 2023 9:34 PM
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Congress: महाराष्ट्र में कांग्रेस ने राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने की निंदा करते हुए आज एक प्रस्ताव पारित किया और दावा किया कि उन्हें निशाना बनाया गया, क्योंकि उन्होंने इंडस्ट्रियलिस्ट गौतम अदाणी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच के रिश्तों पर सवाल किया था. महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ठाणे में हुई बैठक में राहुल गांधी के प्रति समर्थन जताते हुए यह प्रस्ताव पारित किया गया. प्रस्ताव में कहा गया है. कांग्रेस राहुल गांधी के साथ मजबूती से खड़ी है. उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया गया, क्योंकि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और अदाणी के साथ रिश्तों पर सवाल किए और 20 हजार करोड़ रुपये के निवेश को लेकर भी प्रश्न किए थे.

लोकसभा की सदस्यता के लिए ठहरा दिया गया अयोग्य

केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को सूरत की एक कोर्ट के तरफ से वर्ष 2019 के मानहानि के एक मामले में सजा सुनाये जाने के मद्देनजर पिछले दिनों लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहरा दिया गया था. उल्लेखनीय है कि सूरत की एक कोर्ट ने मोदी उपनाम संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें दोषी ठहराया था तथा दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी.

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शशि थरूर ने उठाया सवाल

कुछ ही दिनों पहले कांग्रेस पार्टी के सीनियर नेता शशि थरूर ने भी राहुल गांधी को अयोग्य करार दिए जाने वाली घटना की निंदा की थी. थरूर ने आश्चर्य जताते हुए कहा था कि- क्या यह इस देश के लोकतंत्र के लिए ये अच्छा है जब एक प्रमुख विपक्षी नेता को संसद में अपनी आवाज उठाने की अनुमति नहीं है? उन्होंने आगे कहा कि- क्या यह हमारे लोकतंत्र के लिए ये अच्छा है जब प्रमुख विपक्षी नेता को संसद में अपनी आवाज उठाने की अनुमति नहीं है, जहां पीएम एक तरफ भारत को लोकतंत्र की मां के रूप में दुनिया के सामने बोलते है, वहीं विपक्षी नेता को संसद में बोलने की अनुमति नहीं? क्या यह हमारे देश के लिए अच्छा है? (भाषा इनपुट के साथ)

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