महाराष्ट्र में कोरोना वैक्सीन की कमी बताकर निजी अस्पतालों में वैक्सीनेशन पर रोक लगा दी गयी थी. आज से 72 में से 60 निजी अस्पतालों में वैक्सीनेशन शुरू हो जायेगा. वैक्सीनेशन नजी अस्पतालों मे दो दिनों के लिए रोकी गयी थी. इस बीच वैक्सीन की कमी को लेकर राज्य सरकार केंद्र को निशाना बनाती रही.
महाराष्ट्र की सरकार ने केंद्र की सरकार को एक चिट्ठी लिखकर बताया था कि हमारे राज्य में वैक्सीन की कमी है. इसके साथ ही कई वैक्सीनेशन सेंटर में भी वैक्सीन खत्म होने का पोस्टर लगाया गया था. वैक्सीन खत्म होने की खबर को लेकर महाराष्ट्र के कई शहरों में वैक्सीनेशन सेंटर पर भीड़ भी देखी जा रही थी.
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केंद्र और राज्य के बीच चल रही वैक्सीन की राजनीति में नुकसान आम लोगों का हो रहा था. निजी अस्पतालों में वैक्सीनेशन ना होने से लोगों को परेशानी शुरू हो गयी थी. राज्य में एक बार फिर वैक्सीनेशन प्रोग्राम ने जोर पकड़ लिया है.
स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने यह साफ करने की कोशिश की थी कि देश में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है. कई राज्य वैक्सीन की मांग इसलिए तेज कर रहे हैं क्योंकि उनकी वैक्सीनेशन की स्पीड काफी स्लो है. ऐसे राज्य में अपनी कमियां छुपाना चाहते हैं.
महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को लेकर वैक्सीनेशन का महत्व समझा जा सकता है. देश में हर दिन संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है औऱ लगभग हर दिन महाराष्ट्र संक्रमितों के आंकड़ों में देश के दूसरे राज्यों से आगे निकल जाता है. राज्य में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार संपूर्ण लॉकडाउन पर भी विचार कर रही है.
महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 63294 नये मामले सामने आये.इस संक्रमण की वजह से 349 लोगों की जान चली गयी. राज्य में अब तक कोरोना के 3407245 मरीज मिले हैं. इनमें 3175585 होम कोरोंटीन में है जबकि 25694 इंस्टिट्यूशनल कोरोंटीन में हैं.