महाराष्ट्र में किसानों की महारैली, नासिक से मुंबई तक पदयात्रा पर निकले, सरकार को घेरने की तैयारी
अखिल भारतीय किसान सभा और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में आदिवासी किसान मार्च पर निकले हैं. उन्होंने अपनी विभिन्न समस्याओं की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए यह मार्च शुरू किया है.
महाराष्ट्र के हजारों किसानों ने विभिन्न मांगों को लेकर एकनाथ शिंदे सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. नाराज किसानों ने सरकार का ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए महारैली का आयोजन किया है. जिसमें उत्तरी महाराष्ट्र के नासिक जिले से हजारों किसानों और आदिवासियों ने प्याज उत्पादकों को 600 रुपये प्रति क्विंटल की तत्काल वित्तीय राहत देने, 12 घंटे के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति और कृषि ऋण की माफी सहित अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में मंगलवार को मुंबई की ओर मार्च निकाला.
नासिक से मुंबई तक पदयात्रा करेंगे हजारों किसान
अपनी मांग को लेकर हजारों की संख्या में किसान नासिक से मुंबई तक पदयात्रा कर रहे हैं. एक किसान ने कहा कि अखिल भारतीय किसान सभा और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में आदिवासी किसान मार्च पर निकले हैं. उन्होंने अपनी विभिन्न समस्याओं की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए यह मार्च शुरू किया है.
धरना-प्रदर्शन करने की तैयारी में किसान
नासिक से पदयात्रा में निकल चुके हजारों किसान मुंबई पहुंचने के बाद किसान अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर आजाद मैदान में धरना-प्रदर्शन शुरू करेंगे.
Nashik, Maharashtra | Farmers on foot march from Nashik to Mumbai to bring their demands in front of the government. Post reaching Mumbai the farmers will start their demonstrations in Azad Maidan for their various problems. pic.twitter.com/5Q6hsAz0gi
— ANI (@ANI) March 14, 2023
14-15 मांगों को लेकर मार्च कर रहे हैं किसान
बताया जा रहा है हजारों की संख्या में मार्च कर रहे किसानों की 14 से 15 मांगें हैं, जिसके बारे में वे सरकार से बात करेंगे. मांगों में प्याज के लिए लाभकारी मूल्य, पूर्ण ऋण माफी, लंबित बिजली बिलों की माफी और 12 घंटे की दैनिक बिजली आपूर्ति शामिल है. किसानों ने कहा, हम बेमौसम बारिश और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुए नुकसान के लिए सरकार और बीमा कंपनियों से मुआवजे की मांग करते हैं.
प्रदर्शनकारियों ने पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की भी मांग की
प्रदर्शनकारियों ने 2005 के बाद सेवा में शामिल होने वाले राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को लागू करने की मांग की. बंदरगाह और खनन मंत्री दादा भुसे ने कहा कि सरकार किसानों के प्रतिनिधियों के साथ बुधवार को बैठक करेगी और किसानों एवं आदिवासियों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर सहमति बनने की उम्मीद है.