मुंबई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को विधान परिषद में मनोनीत करने के लिये राज्य मंत्रिमंडल के सिफारिश करने के कुछ ही दिन बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने चुनाव आयोग से राज्य विधानमंडल के उच्च सदन की नौ रिक्त सीटों के लिये चुनाव की घोषणा करने का बृहस्पतिवार को अनुरोध किया.
राजभवन से जारी एक बयान में कहा गया है कि कोश्यारी ने चुनाव आयोग से महाराष्ट्र विधान परिषद की नौ रिक्त सीटों पर यथाशीघ्र चुनाव की घोषणा करने का अनुरोध किया है. राज्यपाल ने राज्य में मौजूद अनिश्चितता की स्थिति को खत्म करने के लिये नौ सीटों पर चुनाव कराने का चुनाव आयोग से अनुरोध किया है, जो 24 अप्रैल से रिक्त हैं.
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अपने पत्र में कोश्यारी ने कहा कि केंद्र ने देश में लॉकडाउन लागू करने के सिलसिले में कई छूट की घोषणा की है. उन्होंने पत्र में कहा, उस अनुसार, विधान परिषद सीटों के लिये चुनाव खास दिशानिर्देशों के साथ हो सकते हैं.
बयान में कहा गया है कि उद्धव ठाकरे राज्य विधानमंडल के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं, ऐसे में उन्हें 27 मई 2020 से पहले विधान परिषद में निर्वाचित होना पड़ेगा. चुनाव आयोग ने कोरोना वायरस संकट के चलते इन नौ सीटों पर चुनाव प्रक्रिया रोक रखी है.
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मालूम हो ठाकरे ने 28 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, जिसके बाद उन्हें छह महीने के अंदर राज्य विधानमंडल के किसी सदन का सदस्य बनना होगा. राज्य मंत्रिमंडल ने विधान परिषद में राज्यपाल द्वारा मनोनीत किये जाने वाले एक सदस्य के रूप में ठाकरे के नाम की सिफारिश की थी.
बंबई उच्च न्यायालय में एक सामाजिक कार्यकर्ता ने बृहस्पतिवार को एक याचिका दायर कर प्रदेश के राज्यपाल को यह निर्देश देने की मांग की है कि वह मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अपने कोटे से विधान परिषद का सदस्य नामित करने के लिये प्रदेश मंत्रिमंडल की सिफारिश पर फैसला लें.
अधिवक्ता एस बी तालेकर के जरिये सुरिंदर अरोड़ा द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि कोविड-19 महामारी के कारण दुनिया भर में हर सरकार का प्रशासन थम गया है. याचिका में दावा किया गया, भाजपा अपने राजनीतिक फायदे के लिये महाराष्ट्र के राज्यपाल (भगत सिंह कोश्यारी) की मदद से उद्धव ठाकरे को पद से हटाना चाहती है. हालांकि, अभी राजनीति का समय नहीं है जब राज्य को कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़नी है.
याचिका में अदालत से अनुरोध किया गया कि वह राज्यपाल को निर्देश दे कि वह प्रदेश मंत्रिमंडल द्वारा सौंपे गए प्रस्ताव पर शीघ्रता से या तीन दिनों के अंदर फैसला लें. अरोड़ा की याचिका पर पांच मई को सुनवाई होने की उम्मीद है. याचिका में कहा गया, निर्वाचन आयोग ने भारत में सभी राज्यों में चुनाव टाल दिये हैं. इसकी वजह से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री जो विधायक नहीं है, अपने पद पर नियुक्ति के छह महीने के अंदर विधायक बनने की स्थिति में नहीं होंगे. इसमें कहा गया कि मुख्यमंत्री न होने की वजह से महाराष्ट्र सरकार अस्थिर हो जाएगी जो ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में मुसीबत साबित होगी.
याचिका में कहा गया कि मंत्रिपरिषद द्वारा की गई सिफारिश के 20 दिन बाद भी राज्यपाल ने इस पर कोई फैसला नहीं किया है. याचिका में कहा गया, भारत का नागरिक और वैध मतदाता होने के नाते याचिकाकर्ता यह निर्देश दिये जाने की मांग करता है कि ऐसे मुश्किल वक्त में सरकार को अस्थिर करने वाली स्थितियों से बचाने के लिये राज्यपाल सिफारिश पर यथाशीघ्र फैसला लें.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने खुद को विधान पार्षद मनोनीत करने को लेकर राज्यपाल के फैसले पर असमंजस के बीच, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया.