अहमदनगर जिला अस्पताल में 11 कोरोना मरीजों की मौत, केस दर्ज, जांच के लिए बनी कमेटी, मृतकों को 5-5 लाख मुआवजा
Maharashtra Massive Fire: पुलिस ने आईपीसी की धारा 304ए के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. इंस्पेक्टर या डीसीपी रैंक के अधिकारी मामले की जांच करेंगे.
मुंबई: महाराष्ट्र के अहमदनगर जिला अस्पताल के कोरोना वार्ड में भीषण अग्निकांड (Maharashtra Massive Fire) में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है. महाराष्ट्र सरकार ने घटना की जांच के आदेश दिये हैं, जबकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि मृतकों के निकट परिजनों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जायेगा. केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ भारती प्रवीण पवार ने अस्पताल जाकर स्थिति का जायजा लिया.
पुलिस ने आईपीसी की धारा 304ए के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. इंस्पेक्टर या डीसीपी रैंक के अधिकारी मामले की जांच करेंगे. नासिक के पुलिस कमिश्नर दीपक पांडेय ने यह जानकारी दी है. वहीं, अहमदनगर गार्जियन मिनिस्टर हसन मुशरिफ ने कहा है कि डिवीजनल कमिश्नर की अगुवाई में जांच कमेटी का गठन किया गया है. उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना करार दिया है. कहा कि अस्पताल का फायर ऑडिट भी किया जायेगा.
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने शनिवार को कहा कि अहमदनगर जिला अस्पताल में आग लगने की घटना की जांच के आदेश दिये गये हैं. डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर से कहा गया है कि वे पूरे मामले की जांच कर एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट दें. साथ ही उन्होंने कहा कि सभी मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा सरकार की ओर से दिया जायेगा.
Rs 5 lakh each has been announced to the kin of the deceased. DC had been ordered to conduct the enquiry of the incident and to submit the report in a week's time: Maharashtra Health Minister, Rajesh Tope on fire incident at Ahmednagar District Hospital
(File photo) pic.twitter.com/j0gAsZpTL7
— ANI (@ANI) November 6, 2021
दूसरी तरफ, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने इस घटना की जांच के आदेश दिये हैं. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि उद्धव ठाकरे ने इस घटना पर शोक व्यक्त किया है. साथ ही इसकी जांच के भी आदेश दे दिये हैं. शनिवार को अहमदनगर जिला अस्पताल (Ahmednagar District Hospital) के कोरोना वार्ड के आईसीयू में आग लग गयी, जिसमें कम से कम 10 मरीजों की मौत हो गयी. कई मरीजों को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया है.
अहमदनगर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के अग्निशमन विभाग के प्रमुख शंकर मिसाल ने बताया कि दिन में करीब 11 बजे आग लगी. अग्निशमन विभाग की मदद से आग पर जल्दी ही काबू पा लिया गया. हालांकि, कई मरीज गंभीर रूप से झुलस गये. कुल 10 मरीजों की मौत हो गयी. 13-14 लोग घायल भी हुए हैं. सिविल हॉस्पिटल के आईसीयू वार्ड में 20 मरीज भर्ती थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताया
राज्य सरकार के स्वास्थ्य पदाधिकारी पीडी गंदल ने कहा है कि आईसीयू में 17 मरीज भर्ती थे, जिनमें से 7 को ही जीवित बाहर निकाला जा सका. उन्होंने कहा कि जीवित बचे 7 लोगों में 2 की हालत गंभीर है, जबकि 5 की हालत स्थिर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके इस घटना पर दुख व्यक्त किया है. मृतकों को श्रद्धांजलि दी है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना पीएम मोदी ने की है.
Anguished by the loss of lives due to a fire in a hospital in Ahmednagar, Maharashtra. Condolences to the bereaved families. May the injured recover at the earliest.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 6, 2021
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में आये दिन अस्पतालों में आग लगने की घटनाएं होती रहती हैं. इस साल ही अस्पतालों में आग लगने की वजह से दर्जनों मरीजों की जानें जा चुकीं हैं. अस्पतालों में विद्युत उपकरणों में शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगने की अधिकांश घटनाएं हुईं हैं.
महाराष्ट्र के अस्पतालों में हुए हादसे
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23 अप्रैल 2021 को जब कोरोना महामारी की दूसरी लहर चरम पर थी, तब मुंबई से 60 किलोमीटर दूर विरार स्थित विजय वल्लभ अस्पताल में आग लगने से 13 कोरोना मरीजों की मौत हो गयी थी. उस समय अस्पताल में कुल 90 कोरोना के मरीज थे, जिनमें से 18 का इलाज आईसीयू में चल रहा था. हादसा वातानुकूलन इकाई में धमाके से हुआ था. मरने वालों में छह महिलाएं और आठ पुरुष थे.
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26 मार्च 2021 को मुंबई के पूर्वी उपनगर भांडुप में अग्निकांड हुआ, जिसमें 10 कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की मौत हो गयी थी. आग ड्रीम मॉल में लगी थी, जिसे कोरोना मरीजों के अस्पताल में तब्दील किया था. आग की लपटें करीब 40 घंटे तक उठती रहीं थीं. मृतकों में वे मरीज शामिल थे, जिन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था.
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21 अप्रैल 2021 को नासिक के सिविल अस्पताल में भी ऑक्सीजन टैंक लीक होने के कारण 24 कोविड-19 मरीजों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. दरअसल ऑक्सीजन टैंक लीक होने से मरीजों को ऑक्सीजन की आपूर्ति करीब 30 मिनट तक बाधित रही, जिससे इस जीवनरक्षक गैस के सहारे सांस ले रहे मरीजों की मौत हो गयी.
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9 जनवरी 2021 को भंडारा के जिला अस्पताल में नवजात देखभाल केंद्र इकाई में 10 शिशुओं की आग लगने से मौत हो गयी. हादसे के समय उस वार्ड में एक से तीन महीने की उम्र के कुल 17 नवजात भर्ती थे.
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28 अप्रैल 2021 को ठाणे के नजदीक मुंब्रा इलाके के काउसा स्थित निजी क्रिटीकेयर हॉस्पिटल में भी आग लगने से 4 मरीजों की मौत हो गयी थी, लेकिन इनमें कोई कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं था.
Posted By: Mithilesh Jha