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मराठा आरक्षण पर जल रहा महाराष्ट्र, सीएम शिंदे ने की हाई लेवल मीटिंग, फडणवीस ने पुलिस लाठीचार्ज की निंदा की

मराठा आरक्षण बैठक में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने कहा, पुलिस द्वारा लाठीचार्ज सही नहीं था. मैं सरकार की ओर से माफी मांग रहा हूं. उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि जो लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

महाराष्ट्र इस समय मराठा आरक्षण की आग में जल रहा है. मराठा समुदाय के लोग आरक्षण की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. हिंसा के दौरान करीब 40 पुलिसकर्मी सहित कई लोग घायल हो गए थे, जबकि 15 से अधिक सरकारी बसों को आग के हवाले कर दिया गया था. इस बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मराठा आरक्षण को लेकर हाई लेवल मीटिंग की है.

मराठा आरक्षण की दिशा में गंभीरता से काम कर रही शिंद सरकार

महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने बताया, मराठा आरक्षण पर आज हमने उच्च स्तरीय बैठक की. मैं पहले ही प्रदर्शनकारियों से बात कर चुका हूं और हम इस मुद्दे को व्यवस्थित तरीके से सुलझाएंगे. हमारी सरकार मराठा आरक्षण से जुड़े मुद्दों को सुलझाने के लिए गंभीर है. उन्होंने कहा, आज उच्च स्तरीय बैठक में मराठा समुदाय को आरक्षण देने पर चर्चा हुई. सरकार इस दिशा में गंभीरता से काम कर रही है. मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना चाहिए, यही सरकार का मानना है. उन्होंने आगे कहा, राज्य मंत्री गिरीश महाजन और अन्य मंत्री चर्चा के लिए (जालना) जाएंगे. हम इस मसले को बातचीत से ही सुलझा सकते हैं.

फड़णवीस ने पुलिस लाठीजार्च की निंदा की

मराठा आरक्षण बैठक में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने कहा, पुलिस द्वारा लाठीचार्ज सही नहीं था. मैं सरकार की ओर से माफी मांग रहा हूं. उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि जो लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

जालना में लाठीचार्ज के खिलाफ मराठा संगठनों का, अजीत पवार से पद छोड़ने को कहा

मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर जालना में पुलिस लाठीचार्ज के खिलाफ विभिन्न मराठा संगठनों ने सोमवार को पुणे जिले के बारामती शहर में प्रदर्शन किया और उपमुख्यमंत्री अजित पवार से शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार छोड़ने को कहा. विपक्षी दलों शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के नेता एवं कार्यकर्ता पुणे शहर के कोथरुड इलाके में सड़कों पर उतरे और सरकार को मराठा समुदाय के धैर्य की परीक्षा नहीं लेने की चेतावनी दी. वहीं, बारामती में मराठा संगठनों के सदस्यों ने राकांपा के स्थानीय विधायक और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के खिलाफ नारे लगाए तथा उनसे शिवसेना-भाजपा सरकार से अलग होने की मांग की. सदस्यों ने गृह विभाग संभालने वाले भाजपा नेता एवं उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ भी नारेबाजी की.

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मराठा आंदोलन को कुचलना चाहती है महाराष्ट्र की शिंदे सरकार

पुणे में प्रदर्शन के दौरान राकांपा (शरद पवार गुट) नेता अंकुश काकड़े ने कहा, एकनाथ शिंदे नीत सरकार में उपमुख्यमंत्री फडणवीस पिछले एक साल से मराठा आरक्षण के लिए कोई भी प्रयास करने में नाकाम रहे हैं. मराठाओं के धैर्य की परीक्षा न लें. काकड़े ने आरोप लगाया कि पुलिस को राज्य सरकार से जालना जिले में मराठा आंदोलन को कुचलने के आदेश मिले थे. पुलिस ने शुक्रवार को जालना जिले के अंतरवाली सारथी गांव में हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए उस समय लाठीचार्ज किया था और आंसू गैस के गोले छोड़े थे, जब प्रदर्शनकारियों ने अधिकारियों को भूख हड़ताल पर बैठे एक व्यक्ति को चिकित्सकों की सलाह पर अस्पताल में भर्ती कराने के लिए ले जाने से रोकने की कोशिश की थी.

2018 में मराठा समुदाय को मिला था आरक्षण, 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने किया रद्द

हिंसा के दौरान करीब 40 पुलिसकर्मी सहित कई लोग घायल हो गए थे, जबकि 15 से अधिक सरकारी बसों को आग के हवाले कर दिया गया था. मराठा समुदाय को महाराष्ट्र सरकार की नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में दाखिले में वर्ष 2018 में आरक्षण दिया गया था, जब फडणवीस राज्य के मुख्यमंत्री थे. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने मई 2021 में कुल आरक्षण की सीमा 50 फीसदी होने सहित अन्य कारणों का हवाला देते हुए इसे रद्द कर दिया था.

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