Maharashtra-Karnataka Border Row: महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर विपक्ष का हंगामा, उद्धव का शिंदे पर हमला
विधानसभा में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर ताजा हमला किया. उन्होंने कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा विवाद मामले में शिंदे की खामोशी पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा, कर्नाटक के सीएम जहां सीमा विवाद पर आक्रामक हैं, वहीं सीएम शिंदे खामोश हैं.
महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद को लेकर महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर विपक्षी दलों ने भारी हंगामा किया. विपक्षी दलों ने सीमा मुद्दे पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, राज्य सरकार और कर्नाटक सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और नारे लगाए.
उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिंदे पर बोला हमला, सीमा विवाद पर खामोश रहने का लगाया आरोप
विधानसभा में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर ताजा हमला किया. उन्होंने कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा विवाद मामले में शिंदे की खामोशी पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा, कर्नाटक के सीएम जहां सीमा विवाद पर आक्रामक हैं, वहीं सीएम शिंदे खामोश हैं. जब तक सुप्रीम कोर्ट बेलगावी, कारवार और निप्पानी को केंद्र शासित प्रदेश घोषित नहीं कर देता. विधानसभा में जो प्रस्ताव पास होना है, उसमें इसे जोड़ा जाए.
Nagpur, Maharashtra | Opposition parties held a protest & raised slogans against Maharashtra CM Eknath Shinde, state govt & Karnataka govt over the Maharashtra-Karnataka border issue. pic.twitter.com/g6JEHnESlx
— ANI (@ANI) December 26, 2022
हम एक-एक इंच जमीन के लिए लड़ेंगे : देवेंद्र फडणवीस
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कर्नाटक के साथ जारी सीमा विवाद पर कहा, हम किसी भी हाल में सीमावर्ती इलाकों में रह रहे अपने लोगों को अकेला नहीं छोड़ेंगे. हम एक-एक इंच जमीन के लिए लड़ेंगे चाहे वह सुप्रीम कोर्ट हो या केंद्र. हम सीमावर्ती इलाकों में रहने वालों के साथ हुए अन्याय के खिलाफ लड़ेंगे और प्रस्ताव लाएंगे. महाराष्ट्र नहीं छोड़ेगा.
क्या है महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद
कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच 1957 में भाषाई आधार पर पुनर्गठन के बाद से सीमा विवाद जारी है. महाराष्ट्र बेलगावी पर अपना दावा करता है, जो तत्कालीन बॉम्बेप्रेसीडेंसी का हिस्सा था, क्योंकि मराठी भाषी आबादी का एक बड़ा हिस्सा वहां रहता है. वह उन 800 से अधिक मराठी भाषी गांवों पर भी दावा करता है, जो वर्तमान में कर्नाटक का हिस्सा हैं. वहीं, कर्नाटक का कहना है कि राज्य पुनर्गठन अधिनियम और 1967 की महाजन आयोग की रिपोर्ट के तहत भाषाई आधार पर किया गया सीमांकन अंतिम है.