महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को राज्य में कोविड-19 पर कार्यबल की सिफारिश पर लॉकडाउन लागू करने के लिए ऐसी योजना तैयार करने के निर्देश दिए, जिससे अर्थव्यवस्था कम से कम प्रभावित हो. एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई .
बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के अलावा अन्य अधिकारियों के साथ हुई बैठक में कार्यबल के सदस्यों ने अगले 24 घंटों में राज्य में 40,000 नए मामले सामने आने को लेकर आशंका जाहिर की. इस दौरान, राज्य स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ प्रदीप व्यास ने कहा कि आने वाले दिनों में बिस्तरों की संख्या, ऑक्सीजन आपूर्ति और वेंटिलेटर पर भारी दबाव होगा और अगर मामलों की संख्या बढ़ती है तो इनकी कमी का सामना भी करना पड़ सकता है.
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए राज्य में बिस्तरों, दवाओं और ऑक्सीजन की उपलब्धता समेत अन्य स्वास्थ्य संबंधी तैयारियों की समीक्षा की. बयान के मुताबिक, कार्यबल ने संक्रमण के प्रसार की रोकथाम के लिए राज्य में सख्त लॉकडाउन लागू करने की सिफारिश की. इसके मुताबिक, बाद में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को लॉकडाउन लागू करने के संबंध में ऐसी विस्तृत योजना तैयार करने के निर्देश दिए, जिससे अर्थव्यवस्था कम से कम प्रभावित हो.
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बयान में मुख्यमंत्री के हवाले से कहा गया, ”लॉकडाउन की घोषणा होने पर लोगों के बीच किसी तरह के असमंजस की स्थिति नहीं होनी चाहिए.” महाराष्ट्र में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 35,726 नए मामले सामने आए थे. बैठक के दौरान डॉ व्यास ने बिस्तरों, ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की उपलब्धता की वर्तमान परिस्थितियों से अवगत कराया. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में 3.57 लाख पृथक-वास बिस्तर हैं, जिनमें से 1.07 लाख पर पहले ही मरीज भर्ती हैं और बाकी बिस्तर भी तेजी से भर रहे हैं.
इसी तरह, ऑक्सीजन की उपलब्धता वाले 60,349 बिस्तरों में से 12,701 पर कोविड-19 मरीज हैं. व्यास ने कहा कि 9,030 वेंटिलेटर में से 1,881 पर मरीज भर्ती हैं. उन्होंने कहा कि राज्य के कुछ जिलों में सभी बिस्तर भर चुके हैं जोकि स्वास्थ्य प्रणाली के लिए चिंता का विषय है. वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों को लेकर जनता द्वारा देरी से परीक्षण कराए जाने को जिम्मेदार ठहराया.
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विभाग ने कहा, ” लोग समय पर जांच नहीं करवा रहे हैं. वे कोविड-19 बचाव नियमों का पालन नहीं कर रहे. निजी प्रतिष्ठान कार्यालय में 50 फीसदी कर्मचारियों की उपस्थिति के नियम का पालन नहीं कर रहे. गृह पृथक-वास को लेकर भी लापरवाही बरती जा रही है. यही कुछ कारण संक्रमण के मामलों में वृद्धि की वजह हो सकते हैं.” इसके बाद, मुख्यमंत्री ने महामारी से निपटने के लिए पर्याप्त मात्रा में अनाज, दवाइयां और अन्य सभी तरह की स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. वहीं, स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि राज्य में प्रतिदिन 10 फीसदी की दर से मामलों में वृद्धि हो रही है. उन्होंने कहा, ” हमें कुछ इलाकों में बिस्तरों की कमी की आशंका है.”