एनसीपी में सियासी घमासान जारी, पांच दिनों में कई विधायकों ने गुट में की अदला-बदली
महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में चाचा-भतीजे का सियासी घमासान जारी है. पार्टी पर कब्जा करने की जंग में विधायकों की अदला-बदली हो रही है. कभी अजित गुट के विधायक छटककर शरद खेमे में चले जा रहे हैं, तो कभी शरद खेमे से टूटकर अजित पास. पिछले पांच दिनों में कई विधायक इधर-उधर हो गए.
मुंबई : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. आलम यह है कि पार्टी में बगावत के बाद से विधायकों में गुट अदला-बदली का दौर जारी है. खबर यह है कि एनसीपी के बागी नेता अजित पवार के गुट से एक और विधायक छटककर शरद पवार के गुट में वापसी कर ली है. एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच दिनों के अंतराल में कई विधायक अजित गुट को छोड़कर शरद खेमे में शामिल हो गए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि अजित गुट का हाथ थामने वाले मरकंद जाधव पाटिल तीसरे विधायक हैं, जिन्होंने एक हफ्ते में शरद गुट में वापसी कर ली. उनसे पहले रामराजे नाईक-निंबालकर और दीपक चव्हाण अजित गुट से छटककर शरद पवार के खेमे में वापसी कर चुके हैं.
पांच दिन में छटक गए तीन विधायक
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अजित पवार का साथ छोड़ने वाले मरकंद जाधव पाटिल महाराष्ट्र के सतारा जिले की वाई विधानसभा सीट से विधायक हैं. मकरंद के सैकड़ों समर्थक विधायकों ने भी उन्हीं के रास्ते पर चलते हुए शरद पवार के खेमे में वापसी कर ली है. मकरंद जाधव से पहले पिछले शुक्रवार को रामराजे नाईक-निंबालकर और दीपक चव्हाण ने शरद पवार खेमे में वापसी करने का कदम उठाया था.
शरद खेमे से भी भागे विधायक
रिपोर्ट में कहा गया है कि केवल अजित पवार के गुट से ही छटककर विधायक भाग नहीं रहे हैं, बल्कि शरद पवार खेमे के विधायक किरण लामहाटे भी अजित गुट में शामिल गए हैं. किरण लामहाटे तीसरी बार पलटी मारकर अजित के गुट में शामिल हुए हैं. वे पहले अजित गुट में शामिल हुए. इसके दो दिन बाद शरद का साथ पकड़ा और फिर भतीजे के पास वापस लौट आए. पिछले दो जुलाई को अजित पवार के शपथ ग्रहण के बाद किरण शरद के गुट में चले गए थे और अब फिर से अजित गुट में वापसी कर चुके हैं. अजित के शपथ ग्रहण के समय भी वह वहां मौजूद थे.
एनसीपी में दोफाड़
अजित पवार के शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल होने के बाद एनसीपी दो धड़ों में बंट चुकी है और चाचा-भतीजे में पार्टी के कब्जे की जंग जारी है. दोनों गुटों ने पांच जुलाई को शक्ति प्रदर्शन भी किया था.अजित गुट की बैठक में 35 से ज्यादा विधायकों की उपस्थिति का दावा किया गया था और शरद के गुट में 15 विधायक पहुंचे थे. हालांकि, अजित पवार दावा कर रहे हैं कि उनके पास 40 से ज्यादा विधायक हैं. महाराष्ट्र में एनसीपी के 53 विधायक हैं और अजित पवार को पार्टी पर कब्जे का दावा ठोकने के लिए 36 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी.