Nationalist Congress Party Leaders Meeting At Sharad Pawar Residence महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर सियासी पारा चढ़ने लगा है. इसी कड़ी में दिल्ली में पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार के आवास एनसीपी (NCP) नेताओं की बैठक जारी है. इस बैठक में एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल, अजीत पवार, सुप्रिया सुले, जयंत पाटिल समेत अन्य प्रमुख मौजूद है.
Delhi: A meeting is underway at the residence of the Nationalist Congress Party (NCP) chief Sharad Pawar.
— ANI (@ANI) March 21, 2021
Party leaders Praful Patel, Ajit Pawar, Jayant Patil and Supriya Sule are present. pic.twitter.com/pZuDLUwLe9
इस अहम बैठक से पूर्व एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने रविवार को पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उसके बाद शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत उनसे मिलने दिल्ली स्थित उनके आवास पहुंचे. जहां दोनों नेताओं ने बैठक की. बता दें कि महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के गठबंधन की सरकार है और अनिल देशमुख एनसीपी के नेता हैं. गौर हो कि पूर्व पुलिस प्रमुख परमबीर सिंह लेटर बम के बाद महाराष्ट्र में सियासी हलचल तेज हो गयी है और सवाल उठ रहे है कि क्या अनिल देशमुख गृह मंत्री के पद पर बने रहेंगे.
दरअसल, पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह द्वारा महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर सौ करोड़ की वसूली के आरोपों के बाद अघाड़ी सरकार में हलचल तेज है. ऐसे में एनसीपी चीफ शरद पवार संग अघाड़ी गठबंधन के नेताओं की बैठक कई मायनों में अहम मानी जा रही है. इस बीच, पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर जूलियो रिबेरो ने कहा है कि वह गृह मंत्री अनिल देशमुख और परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों की कोई जांच नहीं करेंगे. वहीं, महाराष्ट्र एटीएस के डीआईजी शिवदीप लांडे ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा कि मनसुख हिरेन हत्याकांड की गुत्थी सुलझ गई है. यह केस उनके करियर का का सबसे मुश्किल केस था.
वहीं, मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से खबर आई कि अनिल देशमुख को गृह मंत्री के पद से हटाकर उनकी जगह दिलीप वाल्से को ये पद सौंपा जा सकता है. दिलीप वाल्से अभी उद्धव सरकार में लेबर और एक्साइज मिनिस्टर के पद पर हैं. हालांकि, पार्टी या सरकार की ओर से इस बारे में कोई बयान नहीं आया है. उधर, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने रविवार को अनिल देशमुख पर 100 करोड़ की वसूली वाले आरोप को गंभीर बताया. लेकिन, यह भी कहा कि इस संबंध में जांच के बाद ही ही सीएम कोई फैसला लेंगे. उन्होंने कहा कि इस आरोप की वजह से सरकार की छवि पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
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