Maharashtra Politics : इस दिवाली पूरी तरह से हुआ चाचा शरद पवार-भतीजे अजित में बंटवारा, टूट के बाद पहली बार दिखी ये चीज
Maharashtra Politics : एनसीपी में टूट के बाद पहली बार शरद पवार, अजित पवार अलग-अलग दिवाली कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं. विधानसभा चुनाव से पहले इस कार्यक्रम पर सबकी नजर बनी हुई है. जानें सुप्रिया सुले ने क्या कहा
Maharashtra Politics : कई कार्यक्रमों में चाचा शरद पवार की तारीफ कर चुके अजित पवार ने अब ये साफ संकेत दे दिए हैं कि उनकी राह अब बिल्कुल अलग है. जी हां…राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में टूट का असर पवार परिवार के दिवाली समारोह पर भी नजर आ रहा है. ऐसा पहली बार देखा जा रहा है कि शरद पवार और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार पुणे जिले में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं. इसको लेकर अजित पवार ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया. इसमें उन्होंने लिखा- वह शनिवार शाम 6:30 बजे बारामती में अपने पैतृक गांव काटेवाड़ी में दिवाली पाडवा (पर्व) उत्सव का आयोजन करेंगे, जहां वह पार्टी पदाधिकारियों से मुलाकात करेंगे.
एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार का दिवाली उत्सव उनके गोविंदबाग आवास के आसपास फोकस रहेगा. यहां परिवार के सदस्य, पार्टी पदाधिकारी और मित्र दिवाली के अवसर पर सालों से एकत्र होते रहे हैं. इस मुद्दे पर, शरद पवार की बेटी और बारामती से लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि उन्हें उपमुख्यमंत्री द्वारा आयोजित कार्यक्रम के बारे में जानकारी नहीं है. हालांकि, उन्होंने कहा कि गोविंदबाग में आयोजित समारोह का हर कोई इंतजार करता है. सुले ने कहा कि क्योंकि महाराष्ट्र भर से लोग पवार साहब को बधाई देने आते हैं, इसलिए हम इस खुशी के दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं.
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अजित पवार की पत्नी को सुप्रिया सुले ने हराया
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ठीक पहले, दिवाली का जश्न मनाने की तैयारी पूरे जोरशोर से चल रही है. इसमें बारामती में अजित पवार और उनके भतीजे और एनसीपी (एसपी) उम्मीदवार युगेंद्र पवार के बीच एक दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा. इस साल हुए लोकसभा चुनाव के दौरान बारामती में, पवार परिवार एक बार फिर दलगत आधार पर विभाजित हो गया था. अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार मौजूदा सांसद सुले के खिलाफ मैदान में उतरी थीं, हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को
पिछले साल जुलाई में अजित पवार और आठ विधायकों के एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल होने के बाद एनसीपी टूट गई थी. चुनाव आयोग ने बाद में उपमुख्यमंत्री के खेमे को असली एनसीपी के रूप में मान्यता दी. इस गुट को ‘घड़ी’ चिह्न आवंटित किया, जबकि शरद पवार खेमे को एनसीपी (एसपी) नाम दिया गया जिसका चिह्न ‘तुरही बजाता व्यक्ति’ आवंटित किया गया. लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद शरद गुट के हौसले बुलंद हैं. प्रदेश में विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को होना है, वहीं रिजल्ट 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे.