Politics in unlock 5 : देश में लागू अनलॉक 5 के बाद धार्मिक स्थल खुलने को लेकर केंद्र सरकार की ओर से दी गई छूट के बाद महाराष्ट्र में लेटरवार शुरू हो गया है. मजे की बात यह है कि प्रशासनिक तौर पर सूबे के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राज्यपाल बीएस कोश्यारी के बीच चल रहे लेटरवार में बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने लंगड़ी मारने का प्रयास किया है. इसके साथ ही, राकांपा सुप्रीमो शरद पवार ने मंगलवार को पीएम मोदी को लिखे पत्र में शिकायत की है कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य के धार्मिक स्थलों को खोलने के सिलसिले में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में ‘असंयमित भाषा’ का इस्तेमाल किया.
मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, मोदी को लिखे पत्र को जारी करने के बाद पवार ने ट्वीट किया, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि माननीय राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को ऐसा पत्र लिखा है, जैसे किसी राजनीतिक पार्टी के नेता को लिखा गया हो.’ उन्होंने कहा कि हमारे संविधान के प्रस्तावना में धर्मनिरपेक्ष शब्द को जोड़ा गया, ताकि सभी धर्मों के प्रति समानता और संरक्षण प्रदान किया जाए और इसलिए मुख्यमंत्री की कुर्सी को संविधान के इस भाव को कायम रखना चाहिए.’
पवार ने कहा कि उन्होंने कोश्यारी के पत्र को लेकर अपने रुख से मोदी को अवगत करा दिया है. पवार ने कहा, ‘मुझे पूरा विश्वास है कि वह उस भाषा पर ध्यान देंगे, जो पत्र में इस्तेमाल की गई है. संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को ऐसी भाषा का उपयोग करना शोभा नहीं देता.’
उधर, शिवसेना के सांसद संजय राउत ने इस लेटवार में दखल देते हुए मंगलवार को कहा कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को सिर्फ यह देखना चाहिए कि महाराष्ट्र में संविधान के अनुसार शासन चल रहा है या नहीं और बाकी चीजों की देखभाल के लिए लोगों द्वारा एक निर्वाचित सरकार है.
राज्य में उपासना स्थलों को खोलने को लेकर कोश्यारी द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखने और उस पर ठाकरे के जवाब के आलोक में राउत ने यहां संवाददाताओं से कहा कि शिवेसना का हिंदुत्व दृढ़ है और मजबूत बुनियाद पर टिका है तथा उसे इस पर किसी से पाठ की जरूरत नहीं है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को सूचित किया है कि राज्य में कोविड-19 संबंधी हालात की पूरी समीक्षा के बाद धार्मिक स्थलों को दोबारा खोलने का फैसला किया जाएगा. ठाकरे ने कोश्यारी के सोमवार को लिखे पत्र के जवाब में मंगलवार को पत्र लिखकर कहा कि राज्य सरकार इन स्थलों को दोबारा खोलने के उनके अनुरोध पर विचार करेगी.
कोश्यारी ने अपने पत्र में कहा था कि उनसे तीन प्रतिनिधिमंडलों ने धार्मिक स्थलों को दोबारा खोले जाने की मांग की है. ठाकरे ने अपने जवाब में कहा कि यह संयोग है कि कोश्यारी ने जिन तीन पत्रों का जिक्र किया है, वे भाजपा पदाधिकारियों और समर्थकों के हैं. कोश्यारी आरएसएस से जुड़े रहे हैं और भाजपा के उपाध्यक्ष रह चुके हैं.
इधर, खबर यह भी है कि अपने दफ्तर को तोड़े जाने के बाद से गुस्साई कंगना रनौन ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि न्याय मिलेगा. राजभवन में कंगना ने राज्यपाल से मिलकर पिछले कुछ दिनों में मुंबई में उनको लेकर घटे घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी.
बता दें कि मंगलवार को कंगना रनौत ने महाराष्ट्र में धार्मिक स्थलों को लेकर खड़े हुए विवाद पर प्रतिक्रिया हुए मुंबई में बार और रेस्टोरेंट खोलने और मंदिर बंद रखने को लेकर ट्वीट किया. कंगना ने उद्धव ठाकरे सरकार को गुंडा सरकार बताया. धार्मिक स्थलों के विवाद पर अभिनेत्री कंगना ने ट्वीट किया कि अच्छा लगा सुनकर कि गुंडा सरकार से हमारे गवर्नर सर ने सवाल किए. गुंडों ने बार-रेस्टोरेंट खोल दिए और चालाकी से मंदिर बंद रखे. इसके साथ ही उन्होंने हैशटैग गवर्नर लगाया.
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Posted By : Vishwat Sen