Maharashtra Politics: ठाकरे ने कहा- ‘शिवसेना नहीं छोड़ी होती तो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री होते छगन भुजबल’
इस कार्यक्रम में संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा कि अब मैं ऐसा व्यक्ति बन गया हूं, जिसे किसी भी झटके का असर नहीं पड़ता है. लेकिन बता दूं कि जब भुजबल ने शिवसेना छोड़ी तो हमारा परिवार पूरी तरह स्तब्ध था. उन्होंने कहा कि वह गुस्सा जो उस समय निकला, वो राजनीतिक था.
Uddhav Thackery on Chhagan Bhujbal: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का एक बयान बीते गुरुवार को सुर्खियों में आ गया. बता दें कि महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने एनसीपी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल के जन्मदिन के अवसर पर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि अगर छगन भुजबल ने पार्टी नहीं छोड़ी होती तो वो आज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन गए होते. बता दें कि छगन भुजबल के 75वें जन्मदिन के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जहां शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के गठबंधन के कई नेतागण शामिल हुए थे.
‘भुजबल ने शिवसेना छोड़ी तो हमारा परिवार स्तब्ध था’
इस कार्यक्रम में संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा कि अब मैं ऐसा व्यक्ति बन गया हूं, जिसे किसी भी झटके का असर नहीं पड़ता है. लेकिन बता दूं कि जब भुजबल ने शिवसेना छोड़ी तो हमारा परिवार पूरी तरह स्तब्ध था. उन्होंने कहा कि वह गुस्सा जो उस समय निकला, वो राजनीतिक था. साथ ही उन्होंने बताया कि इस बात से हमारी पार्टी कई दिनों तक नहीं उभर पाए थे. यह यकीन करना मुश्किल था कि हमारे परिवार का एक सदस्य हमें छोड़कर चला गया है.
‘1990 में शिवसेना छोड़कर कांग्रेस का थामा दामन’
बता दें कि वरिष्ठ नेता छगन भुजबल एक समय में शिवसेना से तेज तर्रार नेता रहे है. साल 1990 में उन्होंने शिवसेना पार्टी छोड़कर कांग्रेस का दामन थम लिया था. हालांकि इसके बाद जब शरद पवार ने एनसीपी का गठन किया, तो वह उनके साथ चले गए. महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार ने एनसीपी के गठन में भुजबल की भूमिका को याद करते हुए कहा कि कैसे उन्होंने 2002 में संकट में घिरी विलासराव देशमुख की सरकार को बचाने में अहम किरदार अदा किया था.
‘थोड़ा समय और मिलता तो हम बनाते सरकार’
साथ ही पवार ने कहा कि 1999 में एनसीपी का गठन होने के महज चार महीने बाद महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव हुए थे. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर पार्टी के पास और ज्यादा वक्त होता तो हम और सीटें जीत सकते थे और उम्मीदन भुजबल मुख्यमंत्री बनते. इसी बयान के बाद उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर भुजबल शिवसेना न छोड़ते तो उससे बहुत समय पहले ही सीएम बन गए होते. बता दें कि इस कार्यक्रम में नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, राकांपा प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस के नेता बालासाहेब थोराट भी शरीक हुए.